रूस-यूक्रेन तनाव की वजह से 1747 अंक गिरा सेंसेक्स, कच्चे तेल की कीमतों में तेजी
मुंबई, 15 फ़रवरी (बीएनटी न्यूज़)| रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव के कारण भारत सहित वैश्विक बाजार में बिकवाली का दबाव देखने को मिल रहा है। यूक्रेन पर रूस के हमले की आशंका बढ़ने के बाद सोमवार को शेयर बाजारों में भारी गिरावट दर्ज की गई और इसने भारत के प्रमुख सूचकांकों एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी-50 को भारी नुकसान पहुंचाया।
दोनों सूचकांकों ने 10 महीनों में अपनी सबसे तेज गिरावट दर्ज की।
ट्रेडिंग की शुरुआत में, पूर्वी एशियाई शेयरों में गिरावट आई और कच्चे तेल सहित कमोडिटीज पर काफी नकारात्मक प्रभाव देखने को मिला।
ब्रेंट इंडेक्स्ड क्रूड ऑयल की कीमत 96 डॉलर प्रति बैरल को पार कर गई, जो सात साल में सबसे ज्यादा है। रूस कच्चे तेल के दुनिया के शीर्ष उत्पादकों में से एक है और विशेष रूप से इसलिए बाजार पर इतना बड़ा असर देखने को मिल रहा है।
इसके अलावा, एफआईआई के बिकवाली के दबाव ने भारतीय इक्विटी को प्रभावित किया।
एफआईआई बीएसई, एनएसई और एमएसईआई पर पूंजी बाजार खंड (कैपिटल मार्केट सेगमेंट) में नेट सेलर्स थे, जिन्होंने सोमवार को 4,253.70 करोड़ रुपये की बिक्री की।
जैसा कि पिछले शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों से पता चला है, यहां तक कि दिसंबर 2021 के लिए घरेलू औद्योगिक उत्पादन में गिरावट देखने को मिली है।
केवल भारत ही नहीं बल्कि यात्रा, बैंकिंग और ऑटो शेयरों में गिरावट के साथ यूरोपीय शेयर सोमवार को 20 दिनों में अपने सबसे निचले स्तर पर आ गए।
भारत में सेंसेक्स काफी नीचे गिरा और रियल्टी, धातु, बैंक, बिजली, पूंजीगत सामान और ऑटो सूचकांकों में सबसे ज्यादा गिरावट के साथ सभी क्षेत्रीय सूचकांक लाल निशान के साथ बंद हुए।
सेंसेक्स अपने पिछले बंद से 3 फीसदी या 1,747.08 अंक नीचे 56,405.84 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी अपने पिछले बंद से 3.06 फीसदी या 531.95 अंक नीचे 16,842.80 अंक पर बंद हुई।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज में रिटेल रिसर्च के प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, “कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों, रूस-यूक्रेन संघर्ष, दुनिया भर में तेजी से दरों में बढ़ोतरी के डर और कमजोर कॉर्पोरेट परिणामों के कारण निफ्टी दबाव में बना हुआ है।”
उन्होंने कहा, “रूस-यूक्रेन मोर्चे पर किसी भी तरह की राहत से अस्थायी उछाल आ सकता है।”
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में रिटेल रिसर्च के प्रमुख सिद्धार्थ खेमका के अनुसार, “निफ्टी ने मुद्रास्फीति (महंगाई) की चिंता और रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे भू-राजनीतिक मुद्दों के पीछे 18,350 के अपने हालिया शिखर से 8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है। जब तक वैश्विक अनिश्चितता जारी रहेगी, बाजार में उतार-चढ़ाव उच्च स्तर पर रहने की उम्मीद है।”
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा, “यूक्रेन को लेकर अमेरिका और रूस के बीच बढ़ते तनाव ने तेल की कीमतों में बढ़ोतरी की है और निवेशकों को जोखिम भरी संपत्ति को डंप (संपत्ति बेचना) करने के लिए मजबूर किया।”