मुकेश ने हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद राष्ट्रपति को दया याचिका भेजी थीट्रायल कोर्ट ने जेल प्रशासन से दोषियों को तय तारीख को फांसी दिए जाने की स्थिति की रिपोर्ट मांगी
नई दिल्ली. गृह मंत्रालय ने निर्भया मामले के चार दोषियों में से एक मुकेश सिंह की दया याचिका को गुरुवार रात राष्ट्रपति के पास भेज दिया। मुकेश ने हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद राष्ट्रपति को दया याचिका भेजी थी। वहीं, पीड़ित की मां आशा देवी ने शुक्रवार को कहा, “अब तक मैंने कभी भी राजनीति की बात नहीं की थी, लेकिन मैं कहना चाहती हूं कि जो लोगों 2012 में सड़कों पर उतरे थे, आज वही लोग मेरी बेटी की मौत पर राजनीतिक फायदे के लिए खेल खेल रहे हैं।’’
मुकेश ने दया याचिका का हवाला देकर ट्रायल कोर्ट से 22 जनवरी का डेथ वॉरंट रद्द करने की मांग की है। ट्रायल कोर्ट ने तिहाड़ प्रशासन से दोषियों को तय तारीख को फांसी दिए जाने की स्थिति पर शुक्रवार तक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था।
निर्भया केस की मौजूदा स्थिति
पटियाला हाउस कोर्ट ने 7 जनवरी को निर्भया के चारों दुष्कर्मियों अक्षय, पवन, मुकेश और विनय के खिलाफ डेथ वॉरंट जारी कर दिया था। इस वॉरंट में कहा गया था कि इन दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे तिहाड़ जेल में फांसी पर चढ़ाया जाए। इसके बाद दो दोषियों मुकेश और विनय ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर की। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दोनों की याचिका खारिज कर दी। एक दोषी मुकेश ने राष्ट्रपति को दया याचिका भेजी, दिल्ली हाईकोर्ट से डेथ वॉरंट रद्द करने की मांग की। हाईकोर्ट ने उसकी याचिका खारिज करते हुए निचली अदालत में अर्जी दायर करने को कहा।
दिल्ली सरकार ने दया याचिका खारिज करने की सिफारिश करते हुए इसे उपराज्यपाल अनिल बैजल के पास भेजा। उपराज्यपाल ने भी केंद्रीय गृह मंत्रालय से याचिका खारिज करने की सिफारिश की है। मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि दया याचिका पर जल्द ही फैसला ले लिया जाएगा।