तिरुवंतपुरम. केरल विधानसभा में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ पास किए गए प्रस्ताव को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने असंवैधानिक बताया है। उन्होंने कहा कि केरल सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पास नहीं कर सकता, क्योंकि नागरिकता का मसला केंद्र सरकार और संसद के अंतर्गत आता है। केरल 31 दिसंबर को सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने वाला देश का पहला राज्य बन गया था। तब केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी कहा था कि किसी राज्य काे नागरिकता कानून निरस्त करने का अधिकार नहीं है।
राज्यपाल ने संवाददाताओं से कहा कि सीएए को रद्द किए जाने में राज्य की कोई भूमिका नहीं है। क्योंकि नागरिकता केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आती है। फिर ये लोग ऐसी चीजें क्यों कर रहे हैं, जिसका केरल से कोई मतलब ही न हो। केरल में कोई भी अवैध अप्रवासी नहीं है।
राज्यपाल ने इतिहासकार इरफान पर थप्पड़ मारने का आरोप लगाया था
29 दिसंबर को कन्नूर विश्वविद्यालय में भारतीय इतिहास कांग्रेस के सत्र के दौरान राज्यपाल ने सीएए के समर्थन में बयान दिया था। जब वे बोल रहे थे, तभी लेफ्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध किया। खान ने कहा था कि इतिहास कांग्रेस ने राज्य सरकार से कई सिफारिशें की हैं, जिसमें केंद्र के साथ सहयोग नहीं करना भी शामिल है। इस तरह की सिफारिशें पूरी तरह से अवैध हैं और अपराध की श्रेणी में आता है। इसके बाद इतिहासकार इरफान हबीब ने उन्हें भाषण से रोकने के प्रयास किए। राज्यपाल खान ने आरोप लगाया कि हबीब ने उन्हें मारने की कोशिश की, लेकिन कन्नूर विश्वविद्यालय के कुलपति गोपीनाथन रविंद्रन और मेरे बॉडीगार्ड ने उन्हें रोका। हालांकि, वे नहीं रुके और मुझे फिर मारने का प्रयास किया।”
कांग्रेस सीएए को लेकर गलत सूचनाएं दे रही: रविशंकर प्रसाद
केरल विधानसभा में सीएए निरस्त करने से जुड़ा प्रस्ताव पास होने के बाद कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि नागरिकता पर कानून पारित करने का अधिकार केवल संसद को है। केरल विधानसभा समेत कोई भी विधानसभा ऐसा कानून पास नहीं कर सकती। कांग्रेस इस कानून को लेकर लोगों को गलत सूचनाएं दे रही है।