सीएए के खिलाफ गुरुवार को रैली में चलाई गई थी गोली क्राइम ब्रांच ने आरोपी के ओसिफिकेशन टेस्ट के लिए आवेदन किया
नई दिल्ली . दिल्ली पुलिस जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के पास मार्च निकालने वाली वाली भीड़ पर फायरिंग करने वाले आरोपी की उम्र का पता लगाएगी। इसके लिए पुलिस ने आरोपी की उम्र की जांच के बोन टेस्ट कराने का फैसला किया है। क्राइम ब्रांच ने आरोपी के ओसिफिकेशन टेस्ट के लिए आवेदन किया है ताकि यह पता चल सके कि वह वास्तव में नाबालिग है या नहीं। हालांकि आरोपी का सीबीएसई का सर्टिफिकेट भी मिल चुका है, जिसमें वह नाबालिग है।
लेकिन पुलिस इस मामले में कोई रिस्क नहीं लेना चाह रही है। इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने आरोपी को 14 दिनों के लिए प्रोटेक्टिव कस्टडी में भेज दिया।बता दें कि गुरुवार को आरोपी ने सीएए के खिलाफ जामिया से राजघाट तक मार्च निकाल रहे प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग की थी। इसमें जेएनयू का एक छात्र शादाब घायल हो गया था। उसके बाएं हाथ में गोली लगी थी। उसकी कलाई में फंसी गोली निकाल दी गई। उसे अस्पताल से छुट्टी मिल गई। इसबीच आरोपी का लाल बैग पुलिस को मिला है।
इधर, आईटीओ पर प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटाया
जामिया में गुरुवार को हुई फायरिंग व सीएए के खिलाफ छात्र आईटीओ स्थित पुराने पुलिस मुख्यालय के बाहर से रातभर बैठकर नारेबाजी करते रहे। शुक्रवार सुबह करीब 8 बजे पुलिस प्रदर्शनकारी छात्रों को जबरन 2 बसों में भरकर अलग-अलग जगहों पर छोड़ आई। रातभर पुलिस ने मुख्यालय वाली सड़क पर बैरिकेडिंग कर यातायात को डायवर्ट किया हुआ था। इस सड़क के बंद होने की वजह से कड़कड़ी मोड़ से आईटीओ तक का ट्रैफिक भी कई घंटे प्रभावित रहा।प्रदर्शन में शामिल कुछ छात्राओं ने पुलिस पर धक्का-मुक्की करने का आरोप भी लगाया। एक-दो पत्रकार पुलिस की कार्रवाई को अपने कैमरे में कैद कर रहे थे उन्हें भी पुलिसकर्मियों द्वारा जबरदस्ती बस में ठूंसने की कोशिश की गई।
क्या है ओसिफिकेशन टेस्ट ?
बता दें कि इस टेस्ट में हड्डियों के जोड़ों के हिसाब से उम्र का अंदाजा लगाया जाता है। जोड़ों पर हड्डियां 25 साल की उम्र तक पूरी तरह से विकसित हो जाती हैं। हालांकि, विशेषज्ञ इसे एक्यूरेट नहीं मानते।