
बीएनटी न्यूज़
नई दिल्ली। आईपी यूनिवर्सिटी के द्वारका कैंपस में शुक्रवार को 17वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। दिल्ली के उपराज्यपाल और आईपी यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि उच्च शिक्षा सरकार की प्राथमिकता में है। इसके मद्देनजर नरेला में प्रस्तावित एजुकेशनल हब के लिए इस साल के बजट में सरकार ने 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
उपराज्यपाल ने कहा कि अब दिल्ली सुरक्षित हाथों में है। डिग्री लेने वाले छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “अब आपके कंधों पर पूरे समाज और राष्ट्र की जिम्मेदारी है। आपको संवेदनशील रहना होगा। जो शिक्षा किसी के जीवन में खुशी न ला सके, वह किसी काम की नहीं। मानवीय मूल्यों की पढ़ाई किताबों से संभव नहीं है।”
उन्होंने कहा कि इतिहास इस बात का गवाह है कि एक मनुष्य पूरी दुनिया में परिवर्तन ला सकता है।
दीक्षांत समारोह में यूजी से पीएचडी तक के कुल 24,456 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई। इनमें 110 छात्रों को पीएचडी, 12 को एमफिल, 2,624 को मास्टर्स, 20,739 को बैचलर्स, 483 को एमबीबीएस, 488 को एमडी, एमएस एवं आयुर्वेद की डिग्री दी गई। कुल 74 छात्रों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी प्राथमिकता दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने की है। छात्र समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझें। आपसी भागीदारी से ही विकसित दिल्ली या विकसित भारत का लक्ष्य पाया जा सकता है।
दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि डिग्री सही मायने में विद्यार्थियों के संघर्ष की गाथा है और उनके जीवन की असली परीक्षा अब शुरू होगी। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को सस्टेनेबलिटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से देश की सूरत को बदलना होगा।
मुख्य अतिथि एवं इंडियन नेशनल साइंस अकादमी के अध्यक्ष प्रो. आशुतोष शर्मा ने कहा कि देश में इनोवेशन कल्चर को बढ़ावा देने की जरूरत है। नए स्टार्टअप को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। जीवन पर्यंत शिक्षा और तकनीक के अनुप्रयोग पर भी उन्होंने जोर दिया।
विश्वविद्यालय के कुलपति पद्मश्री प्रो. महेश वर्मा ने यूनिवर्सिटी रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में जल्द ही इंडियन नॉलेज सेंटर स्थापित किया जाएगा।
इस अवसर पर यूनिवर्सिटी की प्रगति यात्रा पर आधारित एक पुस्तक “इम्प्रेशंस: द आईपीयू जर्नी ऑफ एक्सीलेंस” का लोकार्पण भी किया गया।
यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलसचिव रहे डॉ. बी.पी. जोशी की स्मृति में दिया जाने वाला एक स्वर्ण पदक रिया दुआ को दिया गया। सिद्धार्थ खिटोलिया अवार्ड मुस्कान गुप्ता ने प्राप्त किया और अशोक साहनी एवं सुमन साहनी अवार्ड क्रमशः टेक्नोलॉजी एवं मेडिसिन के फील्ड में उल्लेखनीय योगदान के लिए पूजा सुखीजा और हिमानी तोमर को दिया गया।