बीएनटी न्यूज़
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद ऑल इंडिया महिला कांग्रेस की अध्यक्ष और कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य अलका लांबा ने प्रतिक्रिया जाहिर की। उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान का इंतजार जितना उम्मीदवारों को था, उससे कहीं अधिक इंतजार दिल्ली की जनता को था।
अलका लांबा ने बीएनटी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि चुनाव की तारीखों का इंतजार जितना किसी राजनीतिक दल और उम्मीदवार को था, उससे ज्यादा मेरे दिल्ली वालों को इसका इंतजार था। इंतजार खत्म हुआ और तारीखों का ऐलान हो गया है। पांच फरवरी को पंजे के निशान पर कांग्रेस को वोट डाला जाएगा। पांच फरवरी को मतदान है और आठ तारीख को परिणाम घोषित होगा। दिल्ली पूरी तरह से वायु प्रदूषण, दूषित पानी, अपराध, महंगाई और बेरोजगारी से परेशान है और लोग इन समस्याओं से निजात पाना चाहते हैं। भाजपा और आम आदमी पार्टी को 10 साल का मौका दिया, लेकिन लोग अब परेशान हो चुके हैं।
अलका लांबा ने कहा कि दिल्ली में महिलाओं के कई मुद्दे हैं, जैसे पेंशन न मिलना, राशन की कमी और अन्य समस्याएं। इन सभी समस्याओं पर हमें सवाल उठाने का पूरा हक है, खासकर उन मुद्दों पर जो आज आम आदमी पार्टी की विधायक और मुख्यमंत्री आतिशी को लेकर हैं। वह क्यों नहीं विरोध कर रहीं थीं, जब शराब का वितरण हो रहा था, यह नशा फैलाने की योजना किसकी देन है?
उन्होंने भाजपा के सांसदों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह भी कुछ नहीं कर पाए और अब निचले स्तर की राजनीति करके महिला नेताओं पर टिप्पणियां कर रहे हैं। यह सब सवाल दिल्ली की जनता उनसे पूछेगी और इसका गुस्सा साफ दिखाई देगा। दिल्ली में अब बड़ा बदलाव होने जा रहा है। ईवीएम को लेकर सवाल किए जाने पर लांबा ने कहा कि ईवीएम और चुनाव प्रक्रिया को लेकर कोई भी दिक्कत आएगी, तो हम सवाल पूछेंगे और चुनाव आयोग को जवाब देना होगा।
बता दें कि दिल्ली में 70 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव आयोग ने मंगलवार को चुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया है। दिल्ली में पांच फरवरी को एक चरण में चुनाव होगा और नतीजे की घोषणा आठ फरवरी को होगी। ईसीआई राजीव कुमार ने बताया कि दिल्ली में कुल 1 करोड़ 55 लाख वोटर्स हैं। इसके अलावा, पुरुष मतदाता की संख्या 83.49 लाख, महिला मतदाता 71.74 लाख है और युवा मतदाता की संख्या 25.89 लाख हैं। उधर, पहली बार वोट देने जा रहे मतदाताओं की कुल संख्या 2.08 लाख है। इसके अलावा, दिल्ली में 13 हजार से ज्यादा मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। 100 साल से ऊपर के मतदाताओं की संख्या 830 है।