
बीएनटी न्यूज़
नई दिल्ली। पाकिस्तान की तरफ से गुरुवार रात भारत के अंदर ड्रोन और मिसाइल से हमले की कोशिश का भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया है। कांग्रेस नेता उदित राज ने सेना की तारीफ करते हुए कहा कि पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए 1971 जैसी कार्रवाई करने की जरूरत है।
उदित राज ने कहा, “गुरुवार रात जिस तरह से पाकिस्तान ने एक बार फिर दुस्साहस दिखाया, भारतीय सेना ने उसका करारा जवाब दिया। भारतीय सेना ने अपने शौर्य का परिचय दिखाते हुए पाकिस्तान की तरफ से किए गए ड्रोन और मिसाइल हमलों को पूरी तरह से निष्क्रिय कर दिया। यह बहुत बहादुरी का काम है।”
पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा। पहलगाम की घटना के बाद उसने पुंछ और राजौरी में फिर नागरिकों को निशाना बनाया। गुरुवार रात अचानक जम्मू, जैसलमेर में बहुत सी जगहों पर ब्लैक-आउट हुआ। अब पाकिस्तान को सबक सिखाने की जरूरत है। मुझे लगता है कि 1971 में इंदिरा गांधी ने जैसी कार्रवाई की थी, वैसी ही कार्रवाई फिर करने की जरूरत है, तब जाकर बात बनेगी।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत बहुत बड़ी रक्षा शक्ति बनने के सवाल पर कांग्रेस नेता ने कहा, “अभी युद्ध चल रहा है और आगे देखते हैं कि क्या होता है? हमारी सेना बहुत मजबूत, सजी और प्रशिक्षित है। दुनिया कीसर्वश्रेष्ठ सेनाओं में से एक है।”
पीएम मोदी की अगुवाई में आए एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 के बेहतरीन कार्य करने पर उन्होंने कहा, “हथियार पहले से आते रहे हैं। ऑर्डिनेंस फैक्ट्री, आईएएनएस विक्रांत क्या मोदी जी लाए हैं? सेना ने अच्छा काम किया, सेना को जिन हथियारों की जरूरत थी, उन्होंने सरकार से मांगा और सरकार ने उसे दिया। ऐसे में हम सेना को इसका क्रेडिट देते हैं।”
राफेल के प्रदर्शन पर उन्होंने कहा, “अभी कुछ कहने का समय नहीं है और फ्रांस की मीडिया कुछ और ही कह रही है, लेकिन मैं इतना जरूर कह सकता हूं कि हमारी सेना ने बहुत शौर्य का कार्य किया।”
पहलगाम हमले का बदला पूरा लेने के सवाल पर उन्होंने कहा, “अभी कहां पूरा जवाब दिया गया है। पीओके में नौ जगहों पर बमबारी के बाद भी पुंछ में पाकिस्तान की तरफ से हरकत की गई। उसके बाद गुरुवार शाम को भी हमले का दुस्साहस किया। अभी सबक नहीं सीखा। वह तो ढीठ होता जा रहा है। अगर पाकिस्तान ने सबक सीखा होता तो पीओके में बमबारी के बाद उन्हें डर जाना चाहिए था। उनको डराने के लिए और ताकत की जरूरत है, 1971 जैसे एक्शन की जरूरत है।”