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प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की गिरफ्तारी मौलिक अधिकारों का हनन : मौलाना महमूद असद मदनी

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अपडेटेड 19 मई 2025, 11:34 PM IST
प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की गिरफ्तारी मौलिक अधिकारों का हनन :  मौलाना महमूद असद मदनी
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बीएनटी न्यूज़

नई दिल्ली। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने अशोका विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की गिरफ्तारी पर चिंता व्यक्त करते हुए इसे संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन बताया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस मामले की न्याय के सर्वोच्च आदर्शों के अनुरूप समीक्षा की जाएगी।

मौलाना मदनी ने कहा कि प्रोफेसर अली खान का बयान, जो कि मेरे भी संज्ञान में है, देशद्रोह या अपमान के रूप में पेश करना समझ से परे है। जहां तक आलोचना या असहमति का सवाल है, इसकी अनुमति है, भले ही इसका सरकार से ही लेना-देना क्यों न हो। यह एक स्थापित तथ्य है कि सरकार या देश के किसी वर्ग या संगठन से असहमति, देश का विरोध करने के समान नहीं है।

मौलाना मदनी ने सरकार और प्रशासन के दोहरे मापदंड का भी जिक्र करते हुए कहा कि एक तरफ मध्य प्रदेश सरकार के एक मंत्री कर्नल कुरैशी को ‘आतंकवादियों की बहन’ कहते हैं, जिसके लिए अदालत उन्हें फटकार लगाती है, लेकिन सरकार या पार्टी द्वारा अभी तक कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की गई है, जबकि दूसरी तरफ प्रोफेसर अली को तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाता है, जबकि उक्त मंत्री का बयान देश की एकता का अपमान है। यह दृष्टिकोण न्याय प्रदान करने वाली संस्थाओं के प्रति लोगों में अविश्वास को बढ़ावा देता है।

मौलाना मदनी ने कहा कि न्याय की रक्षा करने वाली संस्थाओं को यह समझना चाहिए कि कानून का उद्देश्य नागरिकों की स्वतंत्रता की रक्षा करना है। लोकतांत्रिक व्यवस्था भय या चुप्पी के बजाय विचारों का सम्मान करने से स्थापित होती है। मौलाना मदनी ने जोर देते हुए मांग की है कि भारत सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करे और प्रोफेसर अली खान की बिना शर्त रिहाई के लिए तत्काल और प्रभावी कदम उठाए जाएं।

हरियाणा स्थित अशोका विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान पढ़ाने वाले अली खान महमूदाबाद को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर टिप्पणी के लिए गिरफ्तार किया गया। सूत्रों ने बताया कि हरियाणा में भाजपा युवा मोर्चा के महासचिव योगेश जठेरी की शिकायत पर महमूदाबाद को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही, उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला भी दर्ज किया गया है।

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