नई दिल्ली, (आईएएनएस)| दुनियाभर में कहर बरपा रहे घातक कोरोनावायरस का प्रकोप देश में गहराने की आशंकाओं के मद्देजनर केंद्र एवं राज्य सरकारों की ओर से एहतियाती कदम उठाने के साथ-साथ वायरस के संक्रमण की जांच की सुविधा बढ़ा दी गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की अध्यक्षता में मंत्रिसमूह द्वारा इसकी लगातार निगरानी की जा रही है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने देशभर में अपनी 72 प्रयोगशालाओं में जांच की सुविधा बहरहाल मुहैया करवाई है।
देश में अब तक कोरोना वायरस के संक्रमण के 150 मामले सामने आ चुके हैं और इस घातक वायरस ने भारत में तीन लोगों की जान ले ली है। भारत में कोरोनावायरस के संक्रमण से मौत का पहला मामला कर्नाटक के कलबुर्गी में आया था, जहां लोगों में काफी घबराहट है। कलबुर्गी में कोरोनावायरस के संक्रमण से 76 साल के एक बुजुर्ग की मौत हो गई थी।
कलबुर्गी से सांसद डॉ. उमेश जी. जाधव वहां कोरोनावायरस संक्रमण की जांच के लिए स्थानीय प्रयोगशाला में सुविधा मुहैया करवाने के सिलसिले में आईसीएमआर पहुंचे थे। उन्होंने आईएएनएस को बताया कि इस घटना के बाद उनके क्षेत्र के लोगों में घबराहट है इसलिए वायरस की रोकथाम के मद्देनजर वह वायरस के परीक्षण की सुविधा जल्द उपलब्ध करवाना चाहते हैं।
भारत में अब तक जो मामले सामने आए हैं उनमें से ऐसे मरीज हैं जो या तो विदेशों की यात्रा से लौटे हैं या उनके निकट संपर्क में लोग हैं। मगर आशंका जताई जा रही है कि अगर इस वायरस का संचार देश में सामुदायिक स्तर पर होता है तो वह ज्यादा घातक स्थिति होगी।
आईसीएमआर से मिली जानकारी के अनुसार, इसके अलावा वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और बायोटेक्नोलोजी विभाग (डीबीटी), रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की 49 प्रयोशालाओं में भी कोरोनावायरस संक्रमण की जांच की सुविधा इस सप्ताह उपलब्ध करवाई जाएगी। इस प्रकार रोजाना 1,400 सैंपल की जांच की जा सकेगी।
आईसीएमआर उच्च गुणवत्ता युक्त निजी प्रयोगशालाओं में इसकी जांच की सुविधा मुहैया करवाने पर भी विचार कर रही है, जिनमें नेशनल एक्रिडेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेटरीज को शामिल किया जा सकता है।
रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (आरएमआरसी), गोरखपुर के निदेशक एवं आईसीएमआर के रिसर्च मैनेजमेंट, पॉलिसी प्लानिंग एंड बायोमेडिकल कम्युनिकेशन प्रमुख डॉ. रजनीकांत श्रीवास्तव आईएएनएस से बातचीत में कहा कि कोरोनावायरस (कोविड-19) नई बीमारी है इसके संक्रमण के कारणों का अभी तक पता नहीं चला है, लेकिन संक्रमण चार चरणों में होता है। भारत में बहरहाल दूसरे चरण में है। उन्होंने कहा कि इसकी रोकथाम के लिए लोगों में जागरूकता काफी अहम है, जिससे इसके प्रसार पर रोक लगाई जा सकती है।
इसके अलावा देश में सांस की गंभीर बीमारी यानी सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन (एसएआरआई) व इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी से पीड़ित मरीजों की भी निगरानी की जा रही है ताकि सामुदायिक स्तर पर इस वायरस के प्रसार को रोका जा सके। इसके लिए 27 राज्यों में स्थित 52 क्षेत्रीय प्रयोगशालाओं में हर सप्ताह 20 सैंपल इकट्ठा कर उनमें कोरोना वायरस की जांच की जा रही है।
चीन से पैदा हुआ कोरोनावायरस का प्रकोप पूरी दुनिया में कहर बरपा रहा है और इस वायरस से चीन के बाद सबसे ज्यादा प्रभावित इटली हुआ है जहां 2,500 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 31,500 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। दुनिया के तकरीब 140 देशों में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की तादाद तकरीबन 1,84,900 हो गई है जबकि 7,500 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।