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एलजी सक्सेना ने सीएम आतिशी को लिखा पत्र, केजरीवाल के ‘यमुना में जहर’ वाले बयान पर जताई आपत्ति

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अपडेटेड 29 जनवरी 2025, 10:44 AM IST
एलजी सक्सेना ने सीएम आतिशी को लिखा पत्र, केजरीवाल के ‘यमुना में जहर’ वाले बयान पर जताई आपत्ति
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बीएनटी न्यूज़

नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिखकर अरविंद केजरीवाल के यमुना के पानी में जहर मिलाने के उनके हालिया बयान पर कड़ी आपत्ति जताई।

उपराज्यपाल ने पत्र में लिखा, “पानी में जहर मिलाने और नरसंहार के भ्रामक आरोप लोगों को भड़काने के समान हैं।”

उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा, “पूर्व मुख्यमंत्री एवं आपकी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर यमुना नदी में जहर मिलाने का तथा दिल्ली में सामूहिक नरसंहार के प्रयास का आरोप लगाया है। यह अत्यंत आपत्तिजनक, दुर्भाग्यपूर्ण एवं अवांछनीय है। हालांकि केजरीवाल द्वारा भ्रामक और तथ्यहीन वक्तव्य दिया जाना कोई नई बात नहीं है, परन्तु ये सरासर झूठा बयान न सिर्फ दिल्ली के लोगों में भ्रम तथा भय उत्पन्न करने की क्षमता रखता है बल्कि इससे दो पड़ोसी राज्यों के बीच वैमनस्यता भी उत्पन्न हो सकती है।”

एलजी ने पत्र में लिखा, “विधानसभा चुनाव में आपकी व्यस्तता के बावजूद मुझे ये पत्र आपको मजबूरी में इसलिए लिखना पड़ रहा है क्योंकि आप मुख्यमंत्री के तौर पर एक संवैधानिक जिम्मेदारी संभालती हैं और आपसे अपेक्षित है कि आप जनता के हितों और राजनीतिक शुचिता तथा मर्यादाओं का पालन करें। हालांकि आपने केजरीवाल के वक्तव्य की भर्त्सना करने की बजाय, इस विषय पर निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर आमजन में भ्रम और भय को और मजबूत करने का काम किया है।”

उपराज्यपाल ने लिखा कि एक सरकार द्वारा किसी दूसरे राज्य की सरकार के विरुद्ध इस प्रकार के “गलत, आधारहीन, गैर जिम्मेदार और भड़काऊ” बयान लोकतंत्र में अस्वीकार्य हैं। इस प्रकार के वक्तव्य, पत्र और द्वीट हरियाणा एवं दिल्ली दोनों ही राज्य सरकारों के लिए कानून-व्यवस्था की गंभीर चुनौतियों का कारण बन सकते हैं।

उन्होंने लिखा कि दिल्ली से गुजरने के बाद, दक्षिण हरियाणा तथा उत्तर प्रदेश को यमुना का कैसा विषाक्त पानी मिलता है, जबकि उत्तरी हरियाणा से मिलने वाला यमुना का पानी वजीराबाद बैराज तक इसकी तुलना में कई गुना स्वच्छ होता है। यह सर्वविदित है कि दिल्ली पेयजल आपूर्ति के लिए पड़ोसी राज्य हरियाणा और उत्तर प्रदेश पर निर्भर है। यमुना के अलावा हरियाणा से मुनक नहर के माध्यम से एवं अपर गंगा कैनाल से मुरादनगर के पास से गंगा जल की आपूर्ति उत्तर प्रदेश द्वारा की जाती है, जबकि बदले में दिल्ली भारी मात्रा में अनुपचारित औद्योगिक एवं घरेलू सीवर यमुना में सीधे डालकर हरियाणा और उत्तर प्रदेश को देता है। यह विडंबना ही है कि इस विषय पर आत्मचिंतन और आवश्यक कार्यवाही करने की बजाय दिल्ली सरकार दूसरे राज्यों पर झूठे आरोप लगा रही है।

उपराज्यपाल ने लिखा, “राजनेताओं और सरकारों की तरफ सम्पूर्ण समाज आस्था और विश्वास रखता है। नेताओं का हर वक्तव्य जनहित को सर्वोपरि रख, सामाजिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए होना चाहिए। पेयजल जैसे संवेदनशील मुद्दे पर जहर मिलाने और जनसंहार करने जैसे असत्य, भ्रामक और तथ्यहीन आरोप किसी अन्य राज्य सरकार पर लगाकर जनता को भड़काने का प्रयास न केवल राज्यों बल्कि राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए भी खतरा हैं। मेरी अपनी स्मृति में इसके पूर्व ऐसे बयान विघटनकारी दलों तथा व्यक्तियों द्वारा ही दिए गये हैं।”

सक्सेना ने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि दिल्ली की मुख्यमंत्री “संकीर्ण हितों” से ऊपर उठेंगी और “भ्रामक, खतरनाक और निराधार” बयान देने से बचेंगी, और आप संयोजक को भी जन कल्याण और शांति के लिए ऐसा ही करने की सलाह देंगी।

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