
रामानंद सागर के पौराणिक सीरियल ‘रामायण’ (1987-88) में भगवान राम के रोल से लोकप्रिय हुए अरुण गोविल का कहना है कि इस भूमिका के बाद प्रोड्यूसर्स उन्हें फिल्मों में लेने से इनकार कर देते थे। गोविल ने यह खुलासा मुंबई मिरर से बातचीत में किया। वे कहते हैं, “मैंने अपने करियर की शुरुआत हिंदी फिल्मों के हीरो के तौर पर की थी। ‘रामायण’ के बाद जब मैं बॉलीवुड में वापसी चाहता था तो प्रोड्यूसर्स कहते थे- ‘राम के रूप में तुम्हारी छवि बहुत मजबूत है। हम तुम्हे किसी और रूप में कास्ट नहीं कर सकते या सपोर्टिंग रोल नहीं दे सकते।”
‘करियर में ठहराव आ गया था’
गोविल के मुताबिक, प्रोड्यूसर्स को लगता था कि वे कमर्शियल फिल्मों के हिसाब से फिट नहीं रहे। वे कहते हैं, “यह मेरे करियर का सबसे कमजोर प्वॉइंट बन गया और मुझे अहसास हो गया कि मैं अब रूपहले पर्दे पर उस तरह वापसी नहीं कर सकता, जैसी चाहता हूं। मैंने कुछ टीवी शो किए। लेकिन जब भी कुछ करने जाता, लोग मुझे नकार देते और कहते- अरे रामजी क्या कर रहे हैं?’ मैं निराश था और मेरे करियर पर प्रश्नवाचक चिन्ह लग गया था। जहां मुझे एक शो ने इतना प्यार और सम्मान दिलाया। वहीं, मेरा करियर ठहराव पर आ गया था।”
’14 साल से कुछ खास नहीं किया’
अरुण कहते हैं, “एक्टिंग से दूरी बनाने से पहले मैंने कुछ साल और काम किया। लेकिन 14 साल से कुछ स्पेशल अपीयरेंस को छोड़कर मैंने कुछ खास नहीं किया। मैंने एक्टिंग पूरी तरह नहीं छोड़ी है। लेकिन अब तभी करूंगा, जब कुछ अच्छा मिलेगा।” अरुण के मुताबिक, वे जॉबलेस नहीं हैं। बस उन्होंने एक्टिंग को जारी रखना महत्पूर्ण नहीं समझा। वे कहते हैं, “ऐसी स्थिति कभी नहीं बनी कि मुझे परिवार चलाने की चिंता रही हो। मेरा यकीन इस बात में है कि मैं हमेशा खुद की मदद कर सकता हूं।”
ठुकरा दिया था लक्ष्मण, भरत का रोल
गोविल ने बातचीत में ‘रामायण’ के ऑडिशन का किस्सा शेयर किया। उन्होंने कहा, “मुझे याद है कि ‘रामायण’ के ऑडिशन के बाद मैंने सागर (रामानंद) सर से राम के रोल के लिए निवेदन किया था। उन्होंने मुझसे पूछा था कि क्या मैं लक्ष्मण या भरत का रोल करने को तैयार हूं? क्योंकि राम के किरदार के लिए वे पहले ही किसी और को कास्ट कर चुके थे। लेकिन मैंने इनकार कर दिया। फिर एक दिन अचानक सागर सर ने मुझसे कहा कि तुम राम का रोल कर रहे हो।”