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ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी ने सिरिल श्रॉफ सेंटर फॉर एआई, लॉ एंड रेगुलेशन की घोषणा की

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अपडेटेड 05 मई 2025, 10:11 PM IST
ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी ने सिरिल श्रॉफ सेंटर फॉर एआई, लॉ एंड रेगुलेशन की घोषणा की
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बीएनटी न्यूज़

मुंबई/सोनीपत। सिरिल अमरचंद मंगलदास, सिरिल श्रॉफ और ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) ने सोमवार को भारत के शीर्ष रैंकिंग वाले और विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित लॉ स्कूल, जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल (जेजीएलएस) में ‘सिरिल श्रॉफ सेंटर फॉर एआई, लॉ एंड रेगुलेशन’ की स्थापना की घोषणा की। इस महत्वपूर्ण विकास ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के नियमन की वैश्विक चर्चाओं में भारत को शीर्ष पर पहुंचा दिया है।

इस केंद्र की स्थापना भारत की अग्रणी लॉ फर्म सिरिल अमरचंद मंगलदास (सीएएम) के संस्थापक और प्रबंध भागीदार सिरिल श्रॉफ की उदार मदद से की गई है, जो एआई गवर्नेंस, लॉ एंड पॉलिसी में देश के नेतृत्व को साकार करने के लिए एक महत्वपूर्ण दान के माध्यम से है।

यह केंद्र एआई, कानून, नीति और विनियमन के जटिल अंतर्संबंध पर फोकस करने वाला देश का पहला समर्पित उत्कृष्टता केंद्र होगा।

एक बढ़ती हुई डिजिटल अर्थव्यवस्था के रूप में भारत को एआई परिनियोजन के नैतिक, कानूनी और नीतिगत आयामों को संबोधित करने में तत्काल चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। सिरिल श्रॉफ सेंटर फॉर एआई, लॉ एंड रेगुलेशन का उद्देश्य गहन शोध करके, ज्ञान सृजन की सुविधा प्रदान करके, सार्वजनिक नीति को आकार देकर और क्षमता निर्माण पहलों को आगे बढ़ाकर इस अनिवार्य जरूरत को पूरा करना है।

यह केंद्र कानूनी संस्थानों, थिंक-टैंक, सरकारी एजेंसियों, अंतर-सरकारी संगठनों, निगमों और शिक्षाविदों के साथ जुड़कर देश और विदेश में उत्तरदायी एआई प्रशासन ढांचे का निर्माण करेगा।

केंद्र का लक्ष्य नीति निर्माताओं और विनियामकों के साथ एआई और प्रौद्योगिकी के लिए नैतिक ढांचे का समर्थन और सह-निर्माण करने के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनना है।

केंद्र ने 10 प्रमुख उद्देश्यों को रेखांकित किया है जो इसके काम का मार्गदर्शन करेंगे। इनमें शामिल हैं।

अनुसंधान एवं ज्ञान सृजन : एआई विनियमन, नैतिकता, शासन और दायित्व पर अत्याधुनिक शोध करना।

नीति निर्माण और सलाह : भारतीय और वैश्विक विनियामक निकायों को विशेषज्ञ नीतिगत सिफारिशें प्रदान करना।

एआई एंड लॉ के लिए पाठ्यक्रम का विकास : एआई एंड लॉ पर नए पाठ्यक्रम विकसित करना, और कानूनी पेशेवरों, नीति निर्माताओं तथा कॉर्पोरेट लीडरों के लिए एग्जीक्यूटिव एजुकेशन कार्यक्रम प्रदान करना।

मल्टीटास्क होल्डर इंगेजमेंट : एआई गवर्नेंस पर उद्योग, सरकार, शिक्षाविदों और नागरिक समाज के साथ सहयोग और साझेदारी स्थापित करना।

वैश्विक एआई गवर्नेंस और नैतिकता : एआई लॉ पर अंतर्राष्ट्रीय चर्चाओं में सक्रिय रूप से योगदान देना और ओईसीडी, यूएन, डब्ल्यूटीओ, ईयू और जी 20 एआई पहल जैसे संगठनों के साथ सहयोग करना।

एआई और मानवाधिकार : मौलिक अधिकारों, गोपनीयता, भेदभाव और पूर्वाग्रह पर एआई के प्रभाव की जांच करना और नैतिक एआई विनियामक ढांचे का प्रस्ताव करना।

कानूनी तकनीक और एआई विनियमन : कानूनी अभ्यास, विवाद समाधान और न्याय वितरण को बदलने में एआई की भूमिका का अध्ययन करना और एआई-संचालित कानूनी अनुसंधान, स्वचालन और अनुबंध प्रबंधन उपकरणों का पता लगाना।

मुकदमेबाजी, लाएबिलिटी और एआई-संचालित जोखिम : एआई जवाबदेही, प्रोडक्ट लाएबिलिटी, स्वायत्त प्रणालियों और एआई दुर्घटनाओं के आसपास उभरते कानूनी प्रश्नों के जवाब ढूंढना।

एआई और वित्तीय विनियमन : बैंकिंग, फिनटेक, एल्गोरिदम ट्रेडिंग और जोखिम प्रबंधन के लिए एआई के निहितार्थों का आकलन करना और वित्त तथा प्रतिभूति बाजारों में एआई विनियमन के लिए नीति समाधान विकसित करना।

क्षमता निर्माण और सार्वजनिक जागरूकता : व्याख्यान, सम्मेलन और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना और व्यापक सार्वजनिक जुड़ाव के लिए शैक्षिक संसाधन विकसित करना।

सिरिल श्रॉफ तीसरी पीढ़ी के वकील हैं, जिनका चार दशकों से अधिक का शानदार करियर रहा है। श्रॉफ ने लीगल डीलिंग की एक शैली और कला विकसित की है, जो मूल्यों में गहरे समाहित है और देश के कई युवा वकीलों को प्रेरित किया है तथा आज भी प्रेरित कर रहा है।

श्रॉफ ने सीएएम की प्राथमिकताओं को राष्ट्रीय विकास के साथ जोड़ा है, जो देश की सेवा करते हुए उनके समर्पण का एक उल्लेखनीय संकेत है। श्रॉफ प्रौद्योगिकी की संभावनाओं में विश्वास करते हैं और मानते हैं कि इसका उपयोग तथा अनुप्रयोग नैतिक और मूल्य आधारित होना चाहिए।

उन्होंने अपनी फर्म में कई तकनीकी सहायताओं का समावेश किया है, न केवल संसाधनों और समय के अनुकूलन के माध्यम से, बल्कि सिस्टम, प्रक्रियाओं और उत्पादों में सटीकता और पूर्णता प्राप्त करके।

सीएएम साल 2025 में अपने अस्तित्व के 10 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है, जो अमरचंद मंगलदास की 108 साल की विरासत पर आधारित है। भविष्य पर स्पष्ट फोकस के साथ प्रौद्योगिकी का समर्थन करते हुए और उसे अपनाते हुए इन 10 वर्षों में लगातार विकास हुआ है, जिसने सम्मान और विश्वसनीयता पैदा की है।

सीएएम में उनके योगदान की विशेषता एक अभिनव, रचनात्मक और बौद्धिक रूप से जिज्ञासु संस्कृति है, जो समय से आगे है। इसे कई पहलों के माध्यम से साकार किया जा रहा है, उनमें से प्रमुख है, जेजीएलएस में सिरिल श्रॉफ सेंटर फॉर एआई, लॉ एंड रेगुलेशन की स्थापना।

देश और समाज के प्रौद्योगिकी-आधारित विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए सिरिल श्रॉफ ने कहा, “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अब एक भविष्यवादी विचार नहीं है। यह हमारे जीने, काम करने और शासन करने के तरीके में गहराई से समाया हुआ है। देश के पास एआई और डिजिटल प्रौद्योगिकियों की नीति और विनियमन के लिए नैतिक ढांचे के विकास में नेतृत्व की भूमिका निभाने का अवसर है। मुझे जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल में सिरिल श्रॉफ सेंटर फॉर एआई, लॉ एंड रेगुलेशन की स्थापना का समर्थन करते हुए खुशी हो रही है। यह केंद्र वैचारिक नेतृत्व, गहन शोध और नीतिगत जुड़ाव के लिए एक मंच होगा, जो देश को एआई के लिए एक संतुलित, नैतिक और दूरदर्शी नियामक ढांचा तैयार करने में मदद करेगा। यह सिरिल अमरचंद मंगलदास के 10 साल पूरे होने का जश्न मनाता है, जो अमरचंद मंगलदास की 108 साल की विरासत पर आधारित है। इस फर्म के मूल्य और विरासत दूरदर्शिता और विजन, और चरित्र और नैतिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता के साथ-साथ ‘समय से आगे की सोच’ के बारे में रहे हैं। ये दोनों विचार केंद्र में चलन में रहेंगे, जो एआई के लिए भविष्य के लिए तैयार ढांचा तैयार करेंगे, लेकिन नैतिक ढांचे पर आधारित होंगे।”

ओपी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) के संस्थापक कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) सी. राज कुमार ने कहा, “यह जेजीयू और देश में कानूनी शिक्षा के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। सिरिल श्रॉफ सेंटर फॉर एआई, लॉ एंड रेगुलेशन हमारे समाज पर एआई के परिवर्तनकारी प्रभाव को समझने और विनियमित करने के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों का नेतृत्व करेगा। हम सिरिल श्रॉफ के दूरदर्शी समर्थन के लिए उनके बहुत आभारी हैं। यह केंद्र न केवल एआई शासन में विचार नेतृत्व के लिए भारत की क्षमता को मजबूत करेगा बल्कि इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में अनुसंधान, छात्रवृत्ति और नीतिगत जुड़ाव के लिए नए वैश्विक मानक भी स्थापित करेगा।”

देश के शीर्ष रैंक वाले और दुनिया के शीर्ष 100 में शुमार लॉ स्कूल के रूप में, जेजीएलएस वैश्विक उत्कृष्टता, बहु-विषयक गहराई और मजबूत अनुसंधान बुनियादी ढांचे की पेशकश करता है, जो केंद्र के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करेगा। इस विजन और मिशन को पूरा करने के लिए केंद्र नीति आयोग, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय, आरबीआई, सेबी और ट्राई जैसी भारतीय एजेंसियों; ओईसीडी, ईयू एआई एक्ट इंस्टीट्यूशन, यूएस एफटीसी और यूके एआई सेफ्टी इंस्टीट्यूट जैसे वैश्विक विनियामकों; हार्वर्ड, ऑक्सफ़ोर्ड, स्टैनफ़ोर्ड, एमआईटी और एआई एथिक्स और लॉ सेंटर्स सहित अग्रणी विश्वविद्यालय; और माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, ओपनएआई, मेटा जैसे प्रौद्योगिकी लीडर और देश के जीवंत टेक इकोसिस्टम में काम करने वाली कंपनियों के साथ मजबूत भागीदारी करेगा।

केंद्र की पांच वर्षीय रणनीतिक दृष्टि में अन्य बातों के साथ-साथ अंतःविषय अनुसंधान परियोजनाएं, एआई-एकीकृत विधि पाठ्यक्रम और कार्यकारी प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करना शामिल है। यह देश के लिए एक एआई नैतिकता ढांचा और नीतिगत श्वेतपत्र तैयार करेगा, जो सरकार और नियामक निकायों को प्रभावशाली इनपुट प्रदान करेगा। वैश्विक एआई लॉ नेटवर्क स्थापित करने के अपने प्रयास में, यह एक अंतर्राष्ट्रीय एआई कानून शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा और हितधारक सहयोग एवं उद्योग भागीदारी को बढ़ावा देगा। यह चेयर प्रोफेसरशिप और शोध अनुदान भी स्थापित करेगा, और एआई कानून तथा शासन पर विद्वानों के कार्यों को प्रकाशित करेगा।

स्पष्ट जनादेश और महत्वपूर्ण निवेश के साथ, ‘सिरिल श्रॉफ सेंटर फॉर एआई, लॉ एंड रेगुलेशन’ अनुसंधान, शिक्षा और नीति विकास के लिए एक वैश्विक केंद्र बनने के लिए तैयार है। यह एआई और उभरती प्रौद्योगिकियों के शासन में देश के नेतृत्व को आकार देगा, तथा नैतिकता, कानून और विनियमन पर वैश्विक चर्चा को प्रभावित करेगा।

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