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घातक वायरस के संक्रमण को रोकने में सुरक्षित है जीका टीका

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अपडेटेड 04 फ़रवरी 2020, 4:53 AM IST
घातक वायरस के संक्रमण को रोकने में सुरक्षित है जीका टीका
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अमेरिकी वैज्ञानिकों ने दो प्रारंभिक क्लीनिकल परीक्षणों में एक प्रायोगिकजीका टीका विकसित किया है, जो घातक वायरस द्वारा संक्रमण को रोकने में सुरक्षित और भरोसेमंद है। लांसेट पत्रिका में प्रकाशित निष्कर्षों में दिखाया गया है कि स्वस्थ वयस्कों में यह एक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को प्रेरित करता है। 

अमेरिकी राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान का हिस्सा नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ ऐलर्जी ऐंड इंफेक्शियस डिसीज (NIAID) के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित किए गए जांच टीके में डीएनए का एक छोटा और गोल आकार का टुकड़ा शामिल है, जिसे प्लाज्मिड कहा जाता है। वैज्ञानिकों ने प्लाज्मिड में जीन डाला, जो कि जीका वायरस की सतह पर पाए जाने वाले दो प्रोटीनों को सांकेतिक रूप से दर्ज करता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि जब टीके को मांसपेशियों में इंजेक्ट किया गया तो शरीर में प्रोटीन बनना शुरू हुआ और कणों के रूप में इकट्ठा होने लगा। यह कण जीका वायरस की नकल करते हैं और शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ाते हैं। 

क्लीनिकल परीक्षण के लिए, शोधकर्ताओं ने दो अलग-अलग प्लाज्मिड विकसित किए- VRC 288 और VRC 5283। इन दोनों को अलग-अलग परीक्षणों में जांचा गया। वैज्ञानिकों ने अंतिम टीके के चार सप्ताह बाद प्रतिभागियों से प्राप्त रक्त के नमूनों का विश्लेषण किया। NIAID के निदेशक एंथनी फौसी ने कहा, ‘प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान जीका संक्रमण का कारण जन्म दोष हो सकता है। NIAID के वैज्ञानिकों ने तेजी से एक डीएनए आधारित प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हुए पहला जांच जीका टीका बना दिया और एक वर्ष से भी कम समय में स्वस्थ वयस्कों में प्रारंभिक अध्ययन शुरू किया।’ 

फौसी ने कहा, ‘NIAID ने इसके दूसरे चरण के परीक्षण को शुरू किया है, ताकि निर्धारित किया जा सके कि क्या यह जीका वायरस के संक्रमण को रोक सकता है। आज जारी किए गए भरोसेमंद पहले चरण के आंकड़े निरंतर विकास का समर्थन करते हैं।’ 

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