BNT Logo | Breaking News Today Logo

Latest Hindi News

  •   शुक्रवार, 29 नवंबर 2024 03:18 अपराह्न
  • 25.09°C नई दिल्ली, भारत

    Breaking News

    ख़ास खबरें
     
  1. विपक्ष की बात मानने के बावजूद वे सदन में शोर मचा रहे : जगदंबिका पाल
  2. पाकिस्तान में सांप्रदायिक हिंसा जारी, मृतकों की संख्या बढ़कर हुई 100 से अधिक
  3. सीएम हेमंत सोरेन ने शहीद अग्निवीर के आश्रित को नियुक्ति पत्र और 10 लाख मुआवजे का चेक सौंपा
  4. दिवालिया हो गई दिल्ली सरकार? : हाई कोर्ट
  5. यह क्षण न केवल कांग्रेस, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व और प्रेरणा का एक भावुक पल : पवन खेड़ा
  6. एकनाथ शिंदे को कोई पद नहीं चाहिए: संजय शिरसाट
  7. दिल्ली के प्रशांत विहार इलाके में संदिग्ध विस्फोट, दिल्ली पुलिस मौके पर मौजूद
  8. प्रियंका गांधी के संसद में आने से आएगा भारतीय राजनीति में बदलाव : राजीव शुक्ला
  9. झारखंड में चौथी बार सीएम की शपथ लेते ही हेमंत सोरेन के नाम दर्ज होंगे कई राजनीतिक रिकॉर्ड
  10. संविधान की प्रति हाथ में लेकर प्रियंका गांधी ने लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ ली
  11. नीलामी के दौरान आरसीबी मैनेजमेंट के कैलकुलेटेड और बोल्ड एप्रोच ने बनाई संतुलित टीम
  12. चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी से भारत के मुस्लिम चिंतित : मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी
  13. इस्लामाबाद में हालात गंभीर, हिंसक झड़पों में छह सुरक्षाकर्मियों की मौत
  14. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की नागरिकता क्‍या होगी खत्म?, याचिकाकर्ता ने बताई सच्चाई
  15. राहुल ने फिर उठाया सावरकर का मुद्दा, भाजपा ने लगाई फटकार

घातक वायरस के संक्रमण को रोकने में सुरक्षित है जीका टीका

bntonline.in Feedback
अपडेटेड 04 फ़रवरी 2020, 4:53 AM IST
घातक वायरस के संक्रमण को रोकने में सुरक्षित है जीका टीका
0 0
Read Time:3 Minute, 1 Second

अमेरिकी वैज्ञानिकों ने दो प्रारंभिक क्लीनिकल परीक्षणों में एक प्रायोगिकजीका टीका विकसित किया है, जो घातक वायरस द्वारा संक्रमण को रोकने में सुरक्षित और भरोसेमंद है। लांसेट पत्रिका में प्रकाशित निष्कर्षों में दिखाया गया है कि स्वस्थ वयस्कों में यह एक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को प्रेरित करता है। 

अमेरिकी राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान का हिस्सा नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ ऐलर्जी ऐंड इंफेक्शियस डिसीज (NIAID) के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित किए गए जांच टीके में डीएनए का एक छोटा और गोल आकार का टुकड़ा शामिल है, जिसे प्लाज्मिड कहा जाता है। वैज्ञानिकों ने प्लाज्मिड में जीन डाला, जो कि जीका वायरस की सतह पर पाए जाने वाले दो प्रोटीनों को सांकेतिक रूप से दर्ज करता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि जब टीके को मांसपेशियों में इंजेक्ट किया गया तो शरीर में प्रोटीन बनना शुरू हुआ और कणों के रूप में इकट्ठा होने लगा। यह कण जीका वायरस की नकल करते हैं और शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ाते हैं। 

क्लीनिकल परीक्षण के लिए, शोधकर्ताओं ने दो अलग-अलग प्लाज्मिड विकसित किए- VRC 288 और VRC 5283। इन दोनों को अलग-अलग परीक्षणों में जांचा गया। वैज्ञानिकों ने अंतिम टीके के चार सप्ताह बाद प्रतिभागियों से प्राप्त रक्त के नमूनों का विश्लेषण किया। NIAID के निदेशक एंथनी फौसी ने कहा, ‘प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान जीका संक्रमण का कारण जन्म दोष हो सकता है। NIAID के वैज्ञानिकों ने तेजी से एक डीएनए आधारित प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हुए पहला जांच जीका टीका बना दिया और एक वर्ष से भी कम समय में स्वस्थ वयस्कों में प्रारंभिक अध्ययन शुरू किया।’ 

फौसी ने कहा, ‘NIAID ने इसके दूसरे चरण के परीक्षण को शुरू किया है, ताकि निर्धारित किया जा सके कि क्या यह जीका वायरस के संक्रमण को रोक सकता है। आज जारी किए गए भरोसेमंद पहले चरण के आंकड़े निरंतर विकास का समर्थन करते हैं।’ 

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %
ये भी पढ़े

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *