BNT Logo | Breaking News Today Logo

Latest Hindi News

  •   शुक्रवार, 11 अप्रैल 2025 02:14 PM
  • 33.09°C नई दिल्ली, भारत

    Breaking News

    ख़ास खबरें
     
  1. स्लोवाकिया ने भारतीय समुदाय की कड़ी मेहनत को दी मान्यता : राष्ट्रपति मुर्मू
  2. पीएम मोदी ने काशी को दी सौगात, विपक्षी दलों पर भी साधा निशाना, कहा- परिवार का विकास ही उनका सिद्धांत
  3. मुंबई 26/11 हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को 18 दिन की एनआईए हिरासत में भेजा गया
  4. हेल्थ सेक्टर से जुड़ा क्रांतिकारी कदम, दिल्लीवासी भी आयुष्मान योजना के तहत करा सकेंगे इलाज : पीएम मोदी
  5. बिहार चुनाव के दौरान तहव्वुर राणा को फांसी पर लटकाएगी सरकार : संजय राउत
  6. आईपीएल 2025 : दिल्ली कैपिटल्स का शानदार प्रदर्शन, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु को छह विकेट से दी मात
  7. दिल्ली : आयुष्मान कार्ड पाकर लाभार्थियों के खिल उठे चहरे, पीएम मोदी को दिया धन्यवाद
  8. रक्षा राज्य मंत्री का मणिपुर दौरा, असम राइफल्स की तैयारियों का लिया जायजा
  9. तहव्वुर राणा को अपना बचाव करने का पूरा अधिकार दिया जाए : पृथ्वीराज चव्हाण
  10. तेज आंधी-तूफान के साथ उत्तर भारत में बदला मौसम का मिजाज, दिल्ली-एनसीआर तक असर
  11. रांची : जमीन विवाद में भाजपा नेता की हुई थी हत्या, फरार शूटर सहित चार गिरफ्तार
  12. ‘न्यायिक प्रक्रिया में नहीं आने देंगे कोई बाधा’, तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर नई दिल्ली बार एसोसिएशन
  13. बिहार : अधिवेशन से लौटे कांग्रेस नेताओं ने कहा, संगठन को मजबूत करने का मिला निर्देश
  14. तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण पीएम मोदी के कारण हुआ संभव : पीयूष गोयल
  15. राहुल गांधी ही कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी समस्या हैं : मुख्तार अब्बास नकवी

छत्तीसगढ़ : मासिक धर्म के कष्टदायी 5 दिन झोपड़ी में गुजारती हैं महिलाएं

bntonline.in Feedback
अपडेटेड 21 फ़रवरी 2020, 12:48 PM IST
छत्तीसगढ़ : मासिक धर्म के कष्टदायी 5 दिन झोपड़ी में गुजारती हैं महिलाएं
Read Time:3 Minute, 27 Second

राजनांदगांव (छत्तीसगढ़), (आईएएनएस)| समाज में बदलाव की बातें भले कितनी ही की जाए, मगर रूढ़िवादी परंपराओं की जड़ें अब भी गहरी हैं। यह छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में सीतागांव जाकर देखा और समझा जा सकता है, जहां महिलाओं और युवतियों को मासिक धर्म की अवधि में तीन से पांच दिन एक झोपड़ी में गुजारने पड़ते हैं। यह झोपड़ी गंदगी से भरी और बदबूदार होती है।

राजनांदगांव जिला मुख्यालय से लगभग 120 किलोमीटर की दूरी पर है सीतागांव। इस गांव में कई मजरा-टोला हैं। इन मजरा-टोलों में अधिकांश आदिवासी वर्ग के लोग रहते हैं। ये लोग अभी तक अपनी पुरानी परंपराओं और कुरीतियों पर ही टिके हुए हैं। यहां परंपरा है कि मासिक धर्म की अवधि में महिलाओं और युवतियों को घर से बाहर झोपड़ी में रहना होता है।

गांव की महिला कौशल्या ने बताया, “यहां महिलाओं और युवतियों को मासिक धर्म के दौरान झोपड़ी में रखे जाने की परंपरा है, जो वर्षो से चली आ रही है। जिसे मासिक धर्म होता है, उसे झोपड़ी में ही रखा जाता है। इस दौरान वह अपने घर नहीं जाती।”

गांव के लोग खुद इस बात को मानते हैं कि इस झोपड़ी में न तो सफाई की व्यवस्था है और न ही इस तरफ किसी का ध्यान है। यही कारण है कि यहां की महिलाओं व युवतियों के मासिक धर्म के तीन से पांच दिन यातना भरे होते हैं। झोपड़ी गंदगी व बदबू से भरी होती है। यहां तीन से पांच दिन बिताने वाली महिला के बीमार होने की संभावना भी रहती है।

गांव के निवासी पटेल दुर्गराम ने कहा, “यह परंपरा खत्म तो नहीं हो सकती, इसलिए प्रशासन को कुटिया के स्थान पर एक पक्का कमरा बनवा देना चाहिए, जहां पानी और बिजली की भी सुविधा हो।”

स्थानीय लोगों ने बताया कि मासिक धर्म की अवधि में झोपड़ी में ठहरने वाली महिलाओं व युवतियों को यहीं पर चाय-नाश्ता और खाना दे दिया जाता है, क्योंकि इस दौरान वह घर में नहीं जा सकतीं।

इस मसले पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मिथिलेश चौधरी ने कहा, “मासिक धर्म के दौरान महिलाओं के साथ उपेक्षा का बर्ताव न हो, इसके लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। साथ ही उन्हें स्वच्छता की आवश्यकता के बारे में भी जागरूक किया जाएगा।”

जानकारों का कहना है कि यह आदिवासी बहुल इलाका है और यहां गरीबी के कारण महिलाएं सेनेटरी पैड का खर्च वहन नहीं कर पातीं। इसके अलावा उनमें जागरूकता की भी कमी है। उनका कहना है कि जहां तक सरकारी अभियानों की बात है, वे यहां की महिलाओं पर ज्यादा असर नहीं छोड़ पा रहे हैं।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *