स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में योग बेहद लाभकारी है। हर समस्या के लिए विशेष योगासन होता है। सभी योगासन से शरीर को अलग-अलग लाभ मिलते है। कुछ योगासन को करना बहुत आसान है तो वहीं कुछ योगासन को करने के लिए काफी सावधानी बरतनी पड़ती है। खासकर तब जब आप बिना किसी एक्सपर्ट के आसन कर रहे हो। इन्हीं आसन में से एक है तितली आसन। इस आसन को करते समय शरीर की मुद्रा तितली जैसी बनी होती है। ये आसन पैरों की झनझनाहट और सुन्नपन को दूर करता है। साथ ही ये पैरों की थकी मांसपेशियों को आराम पहुंचाता है।
तितली आसन को अंग्रेजी में बटरफ्लाई पोज भी कहा जाता है। इसे घर पर आसानी से किया जा सकता है। लेकिन अगर गलत तरीके से इस आसन को किया जाए तो यह शरीर के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है। पैरों की झनझनाहट और सुन्नपन को दूर करने के लिए सुबह उठकर तितली आसन जरूर करें।
पैरों में क्यों होता है सुन्नपन
ज्यादा समय तक जमीन पर पैर मोड़कर बैठे रहने या फिर एक ही स्थिति में पैर लटकार बैठे रहने से पैरों में झनझनाहट शुरू हो जाती है। इसी स्थिति को पैर में सुन्नपन होना भी कहते हैं। शायद बहुत बार आपने इस स्थिति का सामना भी किया होगा। तब शायद आप तितली आसन के बारे में नहीं जानते होंगे।
पैरों में सुन्नपन की वजह हो सकती है गंभीर बीमारी
कुछ लोग पैरों के सुन्न होने या फिर उनमें झनझनाहट होने पर हिलना-डुलना शुरू कर देते हैं। लेकिन बार-बार ये परेशानी होना किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। लेकिन तितली आसान आपके पैरों को राहत देने में मदद कर सकता है। इस आसन को करने से पैरों में लचीलापन बढ़ता है, पैर मजबूत होते हैं और कई दूसरी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
क्या है तितली योगासन के फायदे
– तितली आसन नियमित रूप से करने पर पैरों में जकड़न समस्या खत्म होती है। साथ ही पैरों की कमजोरी भी दूर होती है।
– रोजाना तितली आसन करने से पैरों में भारीपन नहीं रहता है और सुन्नपन की समस्या भी समाप्त हो जाती है।
– एड़ी का दर्द, गठिया और जोड़ों के दर्द को दूर करने में भी यह आसन सहायक है।
– अगर पैर की नस खींच जाएं तो इस आसन से ठीक किया जा सकता है।
– जांघ की मांसपेशियों और कूल्हे की हड्डी को मजबूत बनाता है।
– डिप्रेशन, एंग्जाइटी और थकान को दूर करता है।
– मासिक धर्म के दर्द, ऐंठन और मेनोपॉज से भी राहत मिलती है।
– पैरों में खून का बहाव ठीक रहता है।
तितली आसन कैसे करें
तितली आसन करने के लिए दोनों पैरों को सामने की ओर फैलाकर बैठें। घुटनों को मोड़कर पैरों के पंजों को आपस में मिला लें। हाथों को घुटनों पर रखें और घुटनों को ऊपर की ओर उठा लें और आपस में मिलाने की कोशिश करें। उसके बाद घुटनों को नीचे लाएं और जमीन से सटाने की कोशिश करें। ऐसा 4 से 5 बार करें। जब घुटने जमीन से छूने लगें तो हाथों से पैरों के पंजों को पकड़ें और घुटनों को जल्दी-जल्दी ऊपर नीचे करने लगे। याद रहे इस आसन को करते हुए सांस की गति सामान्य रखें।
ये सावधानियां बरतें
– घुटने और कमर में दर्द होने पर इस आसन को ना करें।
– आसन को करते समय पैरों को ज्यादा जोर से न हिलाएं।