
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने कहा- प्रदेश में ज्यादातर लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं, मेडिकल कॉलेज में भी मिलेगी सुविधा मेडिकल कॉलेज की नई बिल्डिंग में शिफ्टिंग अप्रैल तक हो जाएगी, सीएसआर मद के 25 करोड़ से खरीदेंगे मशीन
राजनांदगांव. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि सिकलसेल बीमारी के रोकथाम के लिए प्रदेश स्तर पर अंतरराष्ट्रीय स्तर का रिसर्च सेंटर खोला जाएगा। शासन स्तर पर इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। वहीं, मेडिकल कॉलेज में इस बीमारी की जांच गर्भ से ही हो सके, ऐसी सुविधा मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल की शिफ्टिंग 15 अप्रैल तक पूरी कर ली जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री बुधवार को राजनांदगांव में मीडिया से बात कर रहे थे।
मेडिकल कॉलेज में सभी विभाग एक साथ होंगे शिफ्ट
- स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने पेंड्री स्थित मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल की नई बिल्डिंग में स्वशासी समिति की पहले बैठक ली। इसके बाद कहा कि मेडिकल कॉलेज की शिफ्टिंग के साथ ही सीएसआर मद से मिलने वाले 25 करोड़ रुपए से विभागों की जरूरतों के अनुसार मशीनों की खरीदी की जाएगी। इसके लिए विभाग प्रमुख को निर्देशित किया गया है कि वे ऐसी जरूरत की मशीनों की सूची तैयार करें। विभागों को एक साथ शिफ्टिंग करने निर्देश दिए गए हैं ताकि लोगों को इलाज के लिए भटकना न पड़े।
- निजी नर्सिंग होम की जांच कराएंगे – सिंहदेव ने बताया कि शिकायत के आधार पर निजी नर्सिंग होम, पैथोलॉजी और मेडिकल स्टोर की जांच कराई जाएगी। सीएमएचओ को ऐसी शिकायतों पर गंभीरता के साथ कार्रवाई करने कहा गया है। बताया कि शिकायत पर शहर के एक निजी नर्सिंग होम पर कार्रवाई भी की गई है।
- मशीन खरीदने विभाग प्रमुखों से डिमांड मंगाएंगे – बताया कि 25 करोड़ से एक मशीन खरीदने की बजाए अलग-अलग जरूरी मशीन खरीदेंगे। मंत्री ने बताया कि अस्पताल को मार्च तक शिफ्ट किया जाना था पर कुछ विभागों की परीक्षा है। इसलिए जिन विभागों की परीक्षा है, उन्हें 15 अप्रैल तक हर हाल में शिफ्टिंग कर लेना है। बताया कि मशीनों के साथ ही एक्सपर्ट डॉक्टरों की कमी दूर करने का भी प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए डॉक्टरों को अच्छे वेतन पर जॉब ऑफर किए जाएंगे। इससे समस्या खत्म होगी।
- अब जल्द जिला अस्पताल अस्तित्व में आएगा – मंत्री सिंहदेव ने बताया कि मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल की शिफ्टिंग के बाद बसंतपुर स्थित बिल्डिंग में जिला अस्पताल का संचालन किया जाएगा। जिला अस्पताल को सेटेलाइट के रूप में होगा जहां पर चिह्नांकित दिनों में मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर सेवाएं देंगे। बताया कि जो डॉक्टर जिला अस्पताल के थे, वे वहीं लौट जाएंगे। इसकी व्यवस्था की जा रही है कि दोनों जगहों पर डॉक्टरों की समस्या न हो। मरीजों को भी परेशानी नहीं होगी।