
आईआईटी दिल्ली में, 23 आईआईटी की कुल 75 परियोजनाओं का प्रदर्शन ‘आईइन्वेंटिव’
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (बीएनटी न्यूज़)| भारत की आजादी के 75वें वर्ष में 23 आईआईटी द्वारा कुल 75 परियोजनाओं का प्रदर्शन किया जा रहा है। इसके लिए 14 अक्टूबर को आईआईटी दिल्ली में ‘आईइन्वेंटिव’ नामक पहल की गई है। 15 अक्टूबर को समाप्त होने वाले दो-दिवसीय कार्यक्रम में वैश्विक अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में भारत की ताकत का प्रदर्शन करने के लिए शिक्षा और उद्योग को एक ही मंच पर लाया गया है। ‘आईइन्वेंटिव’ में देशभर की सभी 23 आईआईटी की 75 परियोजनाएं और 6 शोकेस परियोजनाएं प्रदर्शित की जा रही हैं। इनमें रक्षा, एयरोस्पेस, हेल्थकेयर (डिवाइस और डिजिटल स्वास्थ्य सहित), पर्यावरण और स्थिरता (वायु, पानी, नदियों सहित), स्वच्छ ऊर्जा और अक्षय ऊर्जा (हाइड्रोजन और विद्युत-चालित वाहन सहित) आदि शामिल हैं।
इनमें बायोगैस चालित कार और स्कूटर, ²ष्टिबाधित लोगों के लिए टैक्टाइल बुक्स, पानी रहित मूत्रालय, तुलसी माला बनाने की मशीन, बांस आधारित निर्माण घटक, टीबी का सटीक पता लगाने की तकनीक, बायोमास कुकस्टोव, भेड़ कतरनी उपकरण, जल स्तर मापने वाला उपकरण, स्मार्ट वेंडिंग कार्ट, प्लास्टिक कचरे और ई-कचरे का पुनर्चक्रण, ग्रामीण भारत के लिए आवाज आधारित भागीदारी मीडिया, भूकंप रोधी बुनियादी ढांचा, स्वच्छ ऊर्जा और बाढ़ की प्रारंभिक चेतावनी टेक्नोलॉजी शामिल है।
एआई, एमएल, ब्लॉकचैन, क्वांटम कंप्यूटिंग, स्मार्ट सिटी और इंफ्रास्ट्रक्च र, संचार प्रौद्योगिकी (शिक्षा और 5जी), रोबोटिक्स, सेंसर और एक्ट्यूएटर, और सेमीकंडक्टर, फ्लेक्सिबल इलेक्ट्रॉनिक्स और नैनो टेक्नोलॉजी जैसी परियोजनाओं को मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के ²ष्टिकोण से जोड़ा गया है। इसका उद्देश्य समाज के सभी वर्गों के जीवन को प्रभावित करना है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री और आईइन्वेंटिव के मुख्य संरक्षक धर्मेंद्र प्रधान ने इस ऐतिहासिक तथा पहली बार आयोजित कार्यक्रम का हिस्सा बनने पर प्रसन्नता व्यक्त की, जो आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘जय अनुसंधान’ के मंत्र का साक्षी है। धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि आईआईटी अब केवल भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान नहीं हैं, बल्कि आज वे परिवर्तन के इंजन बन गए हैं। उन्होंने कहा कि आईआईटी संस्थान ज्ञान और अनुभव के भंडार हैं और भविष्य के साथ जोड़ने वाले सेतु हैं।
प्रधान ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कोविड महामारी ने हमें स्पष्ट रूप से दिखाया है कि जब प्रौद्योगिकी आधारित अनुसंधान मानव जाति की सेवा के लिए प्रतिबद्ध होता है तो क्या होता है। चाहे वह कम समय में भारतीय टीकों का विकास हो, जिसने न केवल भारतीयों को बल्कि दुनिया भर के लाखों लोगों को लाभान्वित किया। उन्होंने कहा कि यह सब आप जैसी उत्कृष्ट प्रतिभाओं के कारण संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि ये एक आत्मनिर्भर भारत के संकेत हैं और हमें अनुसंधान एवं नवाचार को शीर्ष पर ले जाने के लिए अकादमिक अनुसंधान एवं विकास- नए युग की प्रौद्योगिकी- उद्योग-समाज के संबंधों को और भी अधिक प्रोत्साहित करना होगा ताकि कोई भी पीछे न छूटे।
प्रधान ने कहा कि हमारे आईआईटी को इंजीनियरिंग कॉलेज से आगे बढ़ना है। हमें प्लेसमेंट पैकेज के आधार पर आईआईटी की बेंचमाकिर्ंग बंद करनी होगी। आईआईटी को बाजार में लाए गए नवाचारों की संख्या, मुद्रीकृत नवाचारों और सृजित रोजगार सृजनकतार्ओं की संख्या के आधार पर मापदंडों और बेंचमार्क को फिर से परिभाषित करना चाहिए।
यहां विशिष्ट अतिथि के रूप में भारती इंटरप्राइजेज के संस्थापक और अध्यक्ष सुनील भारती मित्तल, आईइन्वेंटिव संचालन समिति के अध्यक्ष डॉक्टर पवन गोयंका, आईइन्वेंटिव संचालन समिति के सह-अध्यक्ष डॉ. बीवीआर मोहन रेड्डी, आईआईटी बॉम्बे के निदेशक एवं आईइन्वेंटिव संचालन समिति के संयोजक डॉ. सुभासिस चौधरी उपस्थित रहे।