BNT Logo | Breaking News Today Logo

Latest Hindi News

  •   गुरुवार, 08 मई 2025 04:16 AM
  • 26.09°C नई दिल्ली, भारत

    Breaking News

    ख़ास खबरें
     
  1. ऑपरेशन सिंदूर: भारत ने 1971 के बाद पहली बार पाकिस्तान में दागी मिसाइलें
  2. ब्लैकआउट: दिल्ली से लेकर दूसरे राज्यों तक, ऐसी दिखी भारत की तैयारियों की झलक
  3. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए भारतीय सेना ने पाकिस्तान को दिया मुंहतोड़ जवाब : मल्लिकार्जुन खड़गे
  4. ‘कांग्रेस ने मुस्लिमों को धोखा दिया, देश के हक में है वक्फ संशोधन कानून’, रांची में बोले मौलाना साजिद रशीदी
  5. ऑपरेशन सिंदूर : एनएसए अजीत डोभाल ने अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देशों को सैन्य कार्रवाई की जानकारी दी
  6. घरेलू विमानन कंपनियों की फ्रेश ट्रैवल एडवाइजरी जारी, 10 मई तक कुछ फ्लाइट्स रद्द
  7. राष्ट्रपति मुर्मू से मिले पीएम मोदी, ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ की दी जानकारी
  8. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पीएम मोदी ने यूरोप दौरा किया रद्द
  9. ऑपरेशन सिंदूर : जिस जगह हुई थी कसाब और हेडली की ट्रेनिंग, भारतीय सेना ने उन्हें मिट्टी में मिला दिया
  10. भारत की अंतरिक्ष यात्रा प्रतिस्पर्धा नहीं, ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ पर आधारित : पीएम मोदी
  11. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के बाद केंद्र सरकार ने 8 मई को बुलाई सर्वदलीय बैठक
  12. ऑपरेशन सिंदूर : पीएम मोदी ने कैबिनेट बैठक में सेना की तारीफ की, बताया- ‘गर्व का पल’
  13. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ : भारत की एयर स्ट्राइक में मारे गए 70 से अधिक आतंकी
  14. ऑपरेशन सिंदूर : कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने पाकिस्तान को सबूत के साथ दिखाई औकात
  15. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद सीएम उमर अब्दुल्ला ने की अधिकारियों के साथ बैठक, कहा- एकजुट और मजबूत रहें

कोविड से संक्रमण के शुरुआती 30 दिनों के अंदर दिल में खराबी पर मौत का खतरा ज्यादा

bntonline.in Feedback
अपडेटेड 26 अक्टूबर 2022, 11:10 AM IST
कोविड से संक्रमण के शुरुआती 30 दिनों के अंदर दिल में खराबी पर मौत का खतरा ज्यादा
Read Time:3 Minute, 34 Second

कोविड से संक्रमण के शुरुआती 30 दिनों के अंदर दिल में खराबी पर मौत का खतरा ज्यादा

नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (बीएनटी न्यूज़)| एक नए शोध से पता चला है कि कोविड-19 से संक्रमण के शुरुआती 30 दिनों के भीतर दिल का दौरा पड़ने या उसके फेल होने पर मौत का खतरा बहुत अधिक रहता है, लेकिन कुछ समय बाद तक यह बढ़ जाता है। ऑनलाइन जर्नल ‘हार्ट’ में प्रकाशित यूके के बड़े बायोबैंक अध्ययन की रिपोर्ट में कोविड को खराब हृदय और मौत के बढ़ते जोखिम से जोड़ा गया है, विशेष रूप से उन लोगों में, जिन्हें संक्रमण के बाद अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ती है।

अधिकांश हृदय रोगों का निदान संभव है, विशेष रूप से एट्रियल फाइब्रिलेशन, वीटीई (नस में रक्त का थक्का), पेरीकार्डिटिस और किसी भी कारण से मृत्यु संक्रमण के शुरुआती 30 दिनों के भीतर होती है और प्राथमिक कारण कोविड-19 से संक्रमण बताया जाता है। इसके उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती मरीजों को मौत का खतरा ज्यादा रहता है।

अध्ययन से पता चला है कि अगर बढ़ा हुआ जोखिम 30 दिनों से अधिक रहता है, तब विशेष रूप से दिल का दौड़ा, अलिंद फिब्रिलेशन, वीटीई और पेरिकार्डिटिस जैसे कारणों से मौत होती है।

अध्ययन का निष्कर्ष है कि अप्रत्याशित रूप से, अस्पताल में भर्ती कोविड-19 के संक्रमण वाले मरीजों के मरने की आशंका 118 गुना रहती है और जिन्हें अस्पताल में इलाज की जरूरत नहीं रहती, उनके मरने की आशंका 64 गुना रहती है।

शोधकर्ताओं ने कहा, “पिछले कोविड-19 जोखिम का दीर्घकालिक क्रम एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता के रूप में उभर रहा है। हमारा निष्कर्ष संक्रमण वाले व्यक्तियों में हृदय संबंधी रोग के जोखिम को उजागर करता है।”

शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए 53,613 यूके बायोबैंक प्रतिभागियों को आकर्षित किया, जिनमें से 17,871 को मार्च 2020 और मार्च 2021 के बीच कोविड-19 संक्रमण का निदान किया गया था।

अध्ययन में पाया गया कि कोविड-19 के 17,871 मामलों में से, 2,701 मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ी, जबकि 866 को दूसरी परिस्थति में अस्पताल में भर्ती कराया गया और 14,304 को अस्पताल में इलाज की जरूरत नहीं पड़ी।

मार्च 2021 के अंत में सभी प्रतिभागियों को तब तक ट्रैक किया गया, जब तक कि उनमें हृदय संबंधी समस्या उत्पन्न नहीं हुई। 141 दिनों की निगरानी के दौरान पाया गया कि 395 में 32 मरीजों की मौत हो गई।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *