
लोकसभा सदस्यों ने कहा, ‘ओमिक्रॉन के जाल’ से निपटने को तैयार रहे सरकार
नई दिल्ली, 15 दिसंबर (बीएनटी न्यूज़)| लोकसभा सदस्यों ने मंगलवार को सरकार से कोरोना वायरस के नए रूप ओमिक्रॉन के जाल से निपटने के लिए तैयार रहने का आग्रह किया। निचले सदन में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सरकार को ओमिक्रॉन के बारे में सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि मामलों की संख्या बढ़ रही है।
अब तक, ओमिक्रॉन के 41 मामले सामने आए हैं और सरकार को उन बच्चों, किशोरों और अन्य वयस्कों के टीकाकरण के लिए एक योजना के साथ आने की जरूरत है, जिन्हें अभी तक टीका नहीं लगाया गया है।
उन्होंने कहा कि यूरोपीय देशों ने बच्चों के लिए टीकाकरण पहले ही शुरू कर दिया है।
तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय ने सरकार से 12-18 साल के बच्चों के लिए वैक्सीन शुरू करने के साथ-साथ सभी पात्र लोगों के लिए तुरंत बूस्टर खुराक शुरू करने को कहा।
उन्होंने कहा, “विशेषज्ञ समिति में कुछ मतभेदों के चलते बूस्टर डोज नहीं दिया जा रहा है।”
रॉय ने कहा, “हम सभी डरे हुए हैं, तीसरी लहर आएगी और हम अनजाने में उसकी चपेट में आ जाएंगे।”
तृणमूल के एक अन्य सदस्य कल्याण बनर्जी ने ब्रिटेन में ओमिक्रॉन से संक्रमित एक मरीज की मौत का जिक्र करते हुए कहा कि लंदन में मामले बढ़ रहे हैं। ब्रिटिश सरकार ने पहले ही आपातकाल घोषित कर दिया है।
इस बीच आरएलपी सदस्य हनुमान बेनीवाल ने बच्चों में रीढ़ की हड्डी में होने वाले एट्रोफी का मुद्दा उठाया और कहा कि इस दुर्लभ बीमारी की दवा काफी ऊंचे दाम पर आयात की जाती है। उन्होंने सरकार से ऊंची कीमत की दवा को सस्ता किए जाने के तरीके खोजने का आग्रह किया।
राकांपा की सुप्रिया सुले ने विकलांग व्यक्तियों की मदद के लिए सहायक उपकरणों की खरीद या फिटिंग के लिए एक महंगी मशीन की आवश्यकता वाले कोचलीयर इम्प्लांट का मुद्दा उठाया और सरकार से अनुरोध किया कि वह इस योजना में एक कोचलीयर इम्प्लांट को शामिल करे और 18 या 21 वर्ष की आयु तक के कोचलीयर इम्प्लांट की जरूरत वाले बच्चों की मदद करे।