
महाराष्ट्र : कोविड के बाद मधुमेह, ब्रेन फॉग, हृदय रोग के मामले बढ़ने से चिंताएं बढ़ीं
मुंबई, 30 अक्टूबर (बीएनटी न्यूज़)| महाराष्ट्र राज्य कोविड-19 टास्क फोर्स (एससीटीएफ) ने कोरोनावायरस के प्रभाव के कारण मधुमेह, मस्तिष्क में कोहरे और हृदय रोग जैसे रोग बढ़ने पर चिंता प्रकट की है। अधिकारियों ने यहां शनिवार को यह बात कही। इसने अस्पतालों और क्लीनिकों में मेडिकोज, स्वास्थ्य कर्मियों और अन्य लोगों द्वारा फेस मास्क के उपयोग की सिफारिश करने के अलावा कोविड-19 से उबरे रोगियों की निगरानी और अनुवर्ती कार्रवाई का आह्वान किया है।
एससीटीएफ ने कहा कि राज्य, सिंगापुर और अन्य देशों में पाए जाने वाले कोविड-19 वैरिएंट एक्सबीबी का अध्ययन करने के बाद यह निष्कर्ष निकला है कि भले ही मामलों की संख्या बढ़ती जाए, मगर नया वैरिएंट ‘हल्का’ लगता है।
एससीटीएफ के मुताबिक, अधिकांश रोगियों का इलाज होम आइसोलेशन में किया जा सकता है, क्योंकिकम ही मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ती है।
महाराष्ट्र में पोस्ट-कोविड उपचार-सह-पुनर्वासके लिए समर्पित पॉश कॉलोनी पवई स्थित समग्र हेल्थकेयर और पंचकर्म केंद्र की प्रमुख डॉ. शुभांगी देशमुख ने कहा कि कोविड-19 से उबरे मरीज स्वास्थ्य संबंधी कई तरह की समस्याओं के इलाज के लिए उनके क्लीनिक में पहुंच रहे हैं।
उन्होंने आईएएनएस से कहा, “हमने कमजोर फेफड़े, सांस लेने में समस्या, शरीर की सामान्य कमजोरी, हड्डी और श्वसन या पाचन संबंधी समस्याएं लेकर आए अब तक 6,000 से अधिक रोगियों का क्रमिक रूप से इलाज और पुनर्वास किया है। इनमें से अधिकांश जटिलताएं कोविड-19 का परिणाम हैं। उन्हें उपचार के दौरान काफी पावर वाली दवाएं दी गईं, जिसकी जरूरत उन्हें नहीं थी।
राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, अब तक 36 एक्सबीबी वैरिएंट के मामलों का पता चला है, जिनमें से 32 का इलाज होम क्वारंटाइन में किया गया और बाकी चार को भर्ती किया जाना था, लेकिन किसी को भी ऑक्सीजन सपोर्ट या वेंटिलेटर की जरूरत नहीं थी।
इस तरह के सबसे ज्यादा मामले पुणे में 21, ठाणे में 10, नागपुर में 2 और रायगढ़, अकोला व अमरावती में एक-एक था।
36 में से छह पहले के कोविड-19 मरीज थे, जबकि 34 को टीके की दोनों खुराक लगाई गई थीं और पांच को बूस्टर खुराक लग चुकी है।
राज्य में मार्च 2020 से अब तक कोविड-19 के कुल मामले बढ़कर 81,31,458 हो गए हैं, जबकि अब तक 148,385 लोगों की मौत हो चुकी है – ये दोनों आंकड़े देश में सबसे अधिक हैं, उबरने की दर इस समय 98.16 प्रतिशत है।