
एसिड हमलों के पीड़ितों के लिए फिर जगी उम्मीद , शीरोज हैंगआउट कैफे ने फिर काम शुरू किया
आगरा, 13 दिसंबर (बीएनटी न्यूज़) काफी दिनों से चली आ रही परेशनियों के बाद अंतत: एसिड पीड़ितों के लिए उम्मीद की किरण जगी है और इन लोगों की ओर से चलाए जा रहे शीरोज कैफे आखिरकार खुल गए हैं। इन कैफे को इस वर्ष अप्रैल माह में कोरोना महामारी के चलते कोई कारोबार नहीं होने के कारण बंद कर दिया गया था।
इन कैफे को सहारा देने वाले गैर सरकारी संगठन छवि फाउंडेशन के निदेशक आशीष शुक्ला ने बताया कि देश और विदेश के लोगों की आर्थिक सहायता के चलते ये कैफे एक बार फिर से खुल गए हैं।
उन्होंने बताया अब हमारा ध्यान अपने मिशन को पुनर्जीवित करना और विजन 2020 के तहत इन एसिड़ पीड़ितो के जीवन को बेहतर बनाना है। इसके तहत ऐसे नए लोग शामिल किए जाएंगे और उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान किए जाएंगे और हमारी योजना ऐसे लोगों के लिए वित्तीय स्थिरता सुनिश्वित करने के लिए नए अवसर तलाशने की है।
गौरतलब है कि इन कैफों शीरोज हैंगआउटका संचालन एसिड हमलों के पीड़ितों द्वारा किया जाता है और इनका मकसद ऐसे लोगों को जागरूक बनाना तथा उन्हें आर्थिेक तौर पर सशक्त बनाना है। इस तरह के कैफे आगरा और लखनऊ में चलाए जा रहे हैं। यह फाउंडेशन इस समय ऐसे 60 पीड़ितों के पुनर्वास का कार्य कर रही है और ऐसे हमलों में बचे 30 लोगों को दस हजार रुपए प्रतिमाह की सहायता भी दे रही है।
इस तरह का पहला कैफे आगरा में एसिड हमले का शिकार हुए आलोक दीक्षित ने 2014 में खोला था ।