
बीजिंग, (आईएएनएस)| भारत में अब कोरोनावायरस संक्रमित मामलों की संख्या बढ़कर 43 हो गई है। चीन में महावाणिज्य दूत सुजीत घोष ने चाइना मीडिया ग्रुप को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि भारत इस जानलेवा बीमारी से निपटने में सक्षम है और इसकी रोकथाम करने के लिए भारत सरकार ने कई कदम उठाए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत का स्वास्थ्य मंत्रालय ताजा स्थितियों की निरंतर समीक्षा कर रहा है।
उन्होंने यह भी कहा, ‘हमारी (भारत की) प्रणाली और प्रक्रिया काफी मजबूत है और किसी भी चुनौती के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार है। इस रोग को फैलने से रोकने और सीमित करने के लिए भारत सरकार ने अनेक कार्यक्रम प्रारंभ किए हैं।’
महावाणिज्य दूत सुजीत घोष ने इंटरव्यू में कहा कि केंद्र सरकार देश के राज्यों के साथ हर दूसरे दिन वीडियो कान्फ्रेंस कर समन्वय कर रही है। देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों में लोगों के स्वास्थ्य पर निगरानी, संक्रमित रोगियों का पता लगाने, प्रवेश स्थलों पर निगरानी, प्रयोगशाला नमूना, संग्रहण, पैकेजिंग और परिवहन, नैदानिक प्रबंधन, संक्रमण रोकथाम व नियंत्रण में सहायता देने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं इस संबंध में किए जा रहे प्रयासों की अगुवाई कर रहे हैं, और प्रतिदिन स्थिति पर नजर रख रहे हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय भी परिस्थितियों का जायजा ले रहा है। सभी हवाईअड्डों, सड़कमार्गो, बंदरगाहों पर स्क्रीनिंग की जा रही है।
इसके अलावा, 24 घंटों की एक विशेष हेल्पलाइन भी शुरू की गई है। महावाणिज्य दूत सुजीत घोष का मानना है कि आपदा या महामारी से निपटने के लिए वास्तविक-समय सूचना का प्रवाह बहुत जरूरी है। उनका यह भी कहना है कि देश भर में एक जागरूकता अभियान भी चलाया गया है, जो विशेष तौर पर स्कूल, कॉलेजों, अन्य स्थानों पर लोगों को कोरोनावायरस के संभावित प्रसार को रोकने के लिए है।
महावाणिज्य दूत सुजीत घोष ने यह भी कहा कि हरेक देश की प्रणाली और चुनौतियां भिन्न होती हैं, इसलिए निवारण भी उनके अनुसार ही होता है। लेकिन यह कोरोनावायरस बिलकुल नया है। चीन में इस महामारी से संबंधित जानकारियां चाहे मेडिकल तौर पर हो, उपचार को लेकर हो, उसके प्रभाव से संबंधित हो, या फिर चिकित्सा शोध के बारे में हो, बहुत उपयोगी और महत्वपूर्ण साबित हो सकती हैं। यदि ये जानकारियां पूरी दुनिया के साथ साझा की जाती हैं, तो इस चुनौती का अच्छे तरीके से मुकाबला किया जा सकेगा।
(साभार—चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पेइचिंग)