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माइग्रेन से पीछा छुड़ाने में मदद करता है ‘स्वर्ग का वृक्ष’, 42 दिनों तक पारिजात से ऐसे करें प्राकृतिक उपचार!

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अपडेटेड 21 मार्च 2025, 2:12 PM IST
माइग्रेन से पीछा छुड़ाने में मदद करता है ‘स्वर्ग का वृक्ष’, 42 दिनों तक पारिजात से ऐसे करें प्राकृतिक उपचार!
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बीएनटी न्यूज़

नई दिल्ली। “पीर पराई जानें न कोई…” मगर सिर में होने वाली तेज माइग्रेन की पीड़ा को पारिजात का वृक्ष भली भांति जानता है। ‘स्वर्ग का वृक्ष’ पारिजात औषधीय गुणों से भरपूर है। सफेद-नारंगी रंग के फूलों से लदे वृक्ष की छाल, फूलों, पत्तियों में माइग्रेन के दर्द से राहत दिलाने की ताकत के साथ ही ऐसी कई खूबियां हैं, जो आपके लिए बेहद फायदेमंद है।

आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि 42 दिनों तक इसके सेवन से माइग्रेन के दर्द में राहत मिलती है। पारिजात के फूलों में पॉलीफेनोल्स, बायोएक्टिव एंजाइम्स पाए जाते हैं, जिनमें सूजन को कम करने वाले गुण मौजूद होते हैं। माइग्रेन के साथ ही पारिजात गठिया, मधुमेह और हृदय से जुड़ी समस्याओं में भी फायदेमंद होता है।

औषधीय गुणों से भरपूर पारिजात, हरसिंगार या शेफालिका को आयुर्वेद में स्वास्थ्य का खजाना माना जाता है। पंजाब स्थित बाबे के आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के बीएएमएस, एमडी डॉक्टर प्रमोद आनंद तिवारी ने बताया कि माइग्रेन का स्थायी इलाज नहीं है, मगर पारिजात से बने काढ़े को पीकर राहत मिल सकती है।

डॉक्टर तिवारी ने बताया कि कम से कम 42 दिनों तक यदि नियमित पारिजात का इस्तेमाल करते हैं तो यह राहत देता है। वैद्य जी के अनुसार, “माइग्रेन में दिमाग की नसें सिकुड़ जाती हैं, जिससे तेज दर्द होता है। इसमें पारिजात के पत्तों से बना काढ़ा बेहद फायदेमंद होता है। पारिजात के सात पत्ते लेने हैं और उसे तब तक पानी में उबालना है, जब तक एक गिलास पानी का आठवां हिस्सा न बच जाए। इसे पी लेना है। यह बेहद सरल और प्रभावी इलाज है। इससे दिमाग का फंक्शन सही होने लगता है और दर्द में राहत मिलती है। यह आपको कम से कम 42 दिनों तक तो करना ही होगा।”

उन्होंने आगे बताया, “माइग्रेन के दर्द का एक कारण वात भी होता है। यदि आप इसे कंट्रोल कर लेते हैं तो काफी हद तक परेशानी कम हो सकती है। पारिजात के फूलों की चाय का सेवन करने से पेट में गैस नहीं बनती है और खाना खाने के बाद पारिजात की चाय पीने से पाचन सही होता है।”

पारिजात में न केवल माइग्रेन, हड्डियों के दर्द से निजात दिलाने का गुण होता है बल्कि सर्दी-जुकाम, बुखार के लिए भी यह रामबाण माना जाता है। चिकित्सकों के मुताबिक, “आयुर्वेद में पारिजात का महत्वपूर्ण स्थान है। इसके पत्ते, फूल, छाल औषधि के रूप में उपयोग किए जाते हैं।”

डॉक्टर तिवारी ने बताया, “पारिजात के पत्तों का बना काढ़ा सर्दी-जुकाम में रामबाण माना जाता है और यह एलर्जी से मुक्ति भी दिलाता है। पारिजात बुखार, जोड़ों के दर्द, त्वचा रोग और अनिद्रा जैसी बीमारियों में लाभकारी माना जाता है। पारिजात के पत्तों से बनी चाय रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी मदद करती है। अस्थमा और सांस संबंधी समस्याओं से जूझ रहे मरीजों के लिए पारिजात काफी लाभदायी रहा है।”

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