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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भारत मंडपम में आयोजित तीसरे वीर बाल दिवस कार्यक्रम में शिरकत की। उन्होंने साहिबजादों की वीरता और बलिदान को याद करते हुए इस दिन की अहमियत पर प्रकाश डाला। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने ‘सुपोषित ग्राम पंचायत अभियान’ का भी शुभारंभ किया, जिसका उद्देश्य कुपोषण को समाप्त करना और विकसित भारत की नींव तैयार करना है।
पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वीर बाल दिवस के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यह दिन अब करोड़ों भारतीयों के लिए राष्ट्रीय प्रेरणा का पर्व बन चुका है। इस दिन ने न केवल साहिबजादों की वीरता की गाथाओं को जीवित रखा है, बल्कि यह लाखों बच्चों और युवाओं को अदम्य साहस और समर्पण के लिए प्रेरित भी करता है। इस दौरान उन्होंने विशेष रूप से उन 17 बच्चों की सराहना की, जिन्हें आज वीर बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वीर बाल दिवस हमें साहिबजादों की वीरता और बलिदान की गाथा से परिचित कराता है, जो राष्ट्र और आस्था के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह के साहस की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि उम्र में छोटे होने के बावजूद इन साहिबजादों ने मुगल सल्तनत के प्रलोभनों को ठुकरा दिया और अपने प्राणों की आहुति दी। इन साहिबजादों ने गुरु गोविंद सिंह की वीरता को अपने जीवन में उतारा और देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी, लेकिन अपनी आस्था के मार्ग से कभी विचलित नहीं हुए।
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि हमारे लोकतंत्र की विशालता गुरुओं की शिक्षाओं, साहिबजादों के बलिदान और राष्ट्रीय एकता के मंत्र पर आधारित है। भारतीय संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि यह संविधान समाज के हर वर्ग को समान अवसर प्रदान करने की दिशा में हमारा मार्गदर्शन करता है। देश के लिए किया गया हर कार्य बहादुरी का कार्य है और हर बच्चा या युवा जो देश के लिए कार्य करता है, वह वीर बालक है।
उन्होंने कहा कि आज के दौर में भारतीय युवाओं की ऊर्जा ने देश की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में युवा शक्ति की अहम भूमिका होगी। इसके साथ-साथ प्रधानमंत्री मोदी ने ‘सुपोषित ग्राम पंचायत अभियान’ का शुभारंभ किया, जिसका उद्देश्य ग्राम पंचायतों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देकर कुपोषण को समाप्त करना है। इसके अलावा, इस अभियान के अंतर्गत ग्राम पंचायतों को पोषण के परिणाम सुधारने और सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने की दिशा में सक्रिय कदम उठाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके माध्यम से ग्राम पंचायतों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि कुपोषण की समस्या को समग्र रूप से हल किया जा सके।
प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा कि अब केवल सर्वश्रेष्ठ ही हमारा मानक होना चाहिए। चाहे वह बुनियादी ढांचे का क्षेत्र हो, विनिर्माण का, खेल का या फिर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का, हमें हर क्षेत्र में श्रेष्ठता के मानक स्थापित करने होंगे। पीएम मोदी ने युवाओं से अपील की कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ बनने की दिशा में कार्य करें।
पीएम मोदी ने ‘मेरा युवा भारत’ अभियान की भी बात की, जिसका उद्देश्य युवाओं को शिक्षा और व्यावहारिक अवसर प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि देश में 10 हजार से अधिक अटल टिंकरिंग लैब स्थापित की गई हैं, जो नवाचार को बढ़ावा देने का कार्य कर रही हैं। इसके साथ ही, सरकार की नीतियों का मुख्य फोकस युवाओं को सशक्त बनाना है।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि युवाओं को अपनी क्षमता पर विश्वास रखते हुए वैश्विक मंच पर देश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाना होगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारतीय युवा, जो दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों का नेतृत्व कर सकते हैं, आधुनिक दुनिया का मार्गदर्शन करने के लिए नवाचार कर सकते हैं, देश के विकास में योगदान देंगे। अब यह समय है जब देश के हर युवा को राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने की दिशा में कार्य करना चाहिए। उन्होंने 25 वर्षों के इस अमृत काल में युवाओं से तेजी से बढ़ते भारत के विकास में भागीदार बनने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन के अंत में गुरुओं, वीर साहिबजादों और माता गुजरी जी को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि साहिबजादों की बहादुरी और बलिदान ने हमें प्रेरणा दी है कि हम अपने लक्ष्य को लेकर हमेशा ऊंचे खड़े रहें। प्रधानमंत्री के साथ केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी भी कार्यक्रम में मौजूद थीं।