
बीएनटी न्यूज़
नई दिल्ली। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत की ओर से की गई कार्रवाई में पाकिस्तान की सेना को भारी नुकसान हुआ है। इसमें उसके 35 से 40 सैनिकों की मौत हुई है। यह जानकारी भारतीय सेना के महानिदेशक सैन्य संचालन (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने रविवार को एक विशेष प्रेस ब्रीफिंग में दी।
लेफ्टिनेंट जनरल घई ने बताया कि इस ऑपरेशन को 7 से 10 मई के बीच पाकिस्तान की आक्रामकता के जवाब में अंजाम दिया गया था। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को एक स्पष्ट सैन्य उद्देश्य के तहत अंजाम दिया गया।
उन्होंने कहा, “हमारा मकसद सिर्फ आतंकवादियों और उनके बुनियादी ढांचों को निशाना बनाना था। हमने पाकिस्तान के किसी भी नागरिक या सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया और यह सटीकता के साथ हासिल किया गया।”
डीजीएमओ ने बताया कि 7 मई की शाम पाकिस्तान की ओर से ड्रोन और छोटे यूएवी के जरिए भारतीय सैन्य और नागरिक इलाकों पर हमले किए गए। भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने ड्रोन हमलों को विफल कर दिया।
इसके बाद 8 और 9 मई की रात को पाकिस्तान की ओर से हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की गई, जिसमें ड्रोन और विमान भारतीय सीमा में दाखिल हुए और सैन्य ढांचों को निशाना बनाने की कोशिश की गई। हालांकि, ये प्रयास भी असफल रहे। पाकिस्तान ने एक बार फिर एलओसी पर सीजफायर का उल्लंघन किया, जिससे सीमा पर भीषण संघर्ष शुरू हो गया।
भारतीय वायुसेना के डायरेक्टर जनरल एयर ऑपरेशंस एयर मार्शल ए.के. भारती ने बताया कि भारत ने पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान के एयरबेस, कमांड सेंटर, सैन्य ढांचे और एयर डिफेंस सिस्टम पर सुनियोजित और समन्वित हमले किए।
उन्होंने कहा, “हमने चकलाला, रफीकी और रहीम यार खान जैसे एयरबेस पर सटीक हमले किए, जिससे यह स्पष्ट संदेश गया कि भारत किसी भी आक्रामकता को बर्दाश्त नहीं करेगा। इसके बाद सरगोधा, भुलारी और जैकोबाबाद में भी हमले किए गए।”
एयर मार्शल भारती ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत का उद्देश्य लाशों की गिनती करना नहीं, बल्कि आतंकी ठिकानों को तबाह करना था। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य टारगेट को खत्म करना था, न कि बॉडी बैग गिनना। अगर वहां लोग हताहत हुए हैं, तो यह गिनती पाकिस्तान को करनी चाहिए।”