
बीएनटी न्यूज़
बेंगलुरु। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे ने गुरुवार को जी. परमेश्वर के स्वामित्व वाले मेडिकल कॉलेज में हुई छापेमारी को राजनीतिक प्रतिशोध बताया।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह पूरी तरह से राजनीतिक तौर पर निशाना बनाने की कोशिश है। मौजूदा समय में जिस तरह के कृत्य ईडी और अन्य जांच एजेंसियों की तरफ से किए जा रहे हैं, उसमें कुछ भी नया नहीं है। इससे पहले भी यह इस तरह हमारे अन्य नेताओं को निशाना बना चुके हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में ईडी और आईटी की तरफ से 193 केस दर्ज किए गए, लेकिन इन सबका कनविक्शन रेट महज दो प्रतिशत है। यही नहीं, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को फटकार भी लगाई थी कि आखिर आप क्यों महज सेलेक्टिव तरीके से विपक्ष के नेताओं को निशाने पर लेने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, यह सब नया नहीं है। यह सब विपक्ष के नेताओं को डराने की सोची-समझी साजिश है, जिसे हम किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते हैं। केंद्र सरकार को अगर लग रहा है कि वह विपक्ष के नेताओं को डराने में सफल रहेगी, तो यह उसकी गलतफहमी है और उसे अपनी गलतफहमी दूर कर लेनी चाहिए।
उन्होंने जी. परमेश्वर के कॉलेज पर हुई ईडी की छापेमारी के संदर्भ में कहा कि जो कुछ भी कदम आगामी दिनों में जांच एजेंसी की तरफ से उठाए जाएंगे, उसका हम पालन करेंगे, उसका कांग्रेस पार्टी की तरफ से पालन किया जाएगा। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कानून का किसी भी तरह से उल्लंघन नहीं हो। हमें पूरी उम्मीद है कि जांच एजेंसी इस मामले में कानून के अनुरूप ही कार्रवाई करेगी।
उन्होंने कहा कि आईटी और ईडी की अपरिपक्वता साफ झलक रही है। मुडा प्रकरण में भी ईडी कुछ भी साबित नहीं कर पाई। इससे यह साफ जाहिर होता है कि यह सब कुछ राजनीतिक प्रतिशोध है।
उन्होंने दावा किया कि जब कभी भी विपक्ष की सरकार की तरफ से केंद्र के किसी भी निर्देश की अवहेलना की जाती है, तो वह इसी तरह जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्ष के नेताओं को परेशान करती है। उन्हें लगता है कि इस तरह के हरकतों से वह विपक्ष के नेताओं को परेशान करने में सफल रहेंगे।
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने जी. परमेश्वर के स्वामित्व वाले कॉलेज में छापेमारी की थी। यह छापेमारी अभिनेत्री रान्या राव सोना तस्करी मामले में की गई थी। ईडी को इस बात की जानकारी मिली थी कि अभिनेत्री और जी. परमेश्वर के स्वामित्व वाले कॉलेज के बीच कुछ वित्तीय लेन-देन हुए हैं। इसी के बाद ईडी ने शिक्षण संस्थान पर छापा मारा और कॉलेज से जुड़े वित्तीय दस्तावेजों की भी जांच की थी।a