BNT Logo | Breaking News Today Logo

Latest Hindi News

  •   बुधवार, 14 मई 2025 01:43 AM
  • 33.71°C नई दिल्ली, भारत

    Breaking News

    ख़ास खबरें
     
  1. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की पश्चिमी सीमा पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा
  2. आदमपुर एयरबेस पहुंचकर पीएम मोदी ने पाकिस्तान के दावे की निकाली हवा
  3. सीबीएसई ने जारी किया कक्षा 12 का रिजल्ट, लड़कियों ने फिर मारी बाजी
  4. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पीएम मोदी ने आदमपुर एयरबेस पहुंच बढ़ाया जवानों का हौसला
  5. 17 मई से फिर शुरू होगा आईपीएल, फाइनल 3 जून को
  6. डीजीएमओ हॉटलाइन वार्ताः पाकिस्तान बोला एक भी गोली नहीं चलाएंगे, शत्रुतापूर्ण कार्रवाई नहीं करेंगे
  7. भारत-पाकिस्तान के डीजीएमओ ने की हॉट लाइन पर बात
  8. भारत-पाक तनाव पर ट्रंप ने कहा, ‘हमने परमाणु संघर्ष को रोका, नहीं तो लाखों लोग मारे जाते’
  9. ‘पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहे थे आतंक के आका, भारत ने एक झटके में खत्म कर दिया’
  10. ऑपरेशन सिंदूर : प्रधानमंत्री मोदी आज रात 8 बजे देश को संबोधित करेंगे
  11. सुंदर कांड की चौपाई ‘भय बिनु होय ना प्रीति’ सुना एयर मार्शल ने पाकिस्तान को दी नसीहत
  12. जरूरत पड़ने पर हर मिशन के लिए तैयार, भर चुका था उनके पाप का घड़ा : भारतीय सेना
  13. विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की, कहा- जीवन भर याद रहेगी इस प्रारूप से मिली सीख
  14. आतंकी हाफिज अब्दुर रऊफ को बताया ‘फैमिली मैन’, एक बार फिर हुआ पाकिस्तानी सेना का झूठ बेनकाब
  15. भारतीय सेना ने अदम्य साहस का परिचय दिया, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में हुआ राफेल का इस्तेमाल : संबित पात्रा

पलामू टाइगर रिजर्व का गौरवशाली अतीत लौटाने की पहल

bntonline.in Feedback
अपडेटेड 12 फ़रवरी 2020, 12:02 PM IST
पलामू टाइगर रिजर्व का गौरवशाली अतीत लौटाने की पहल
Read Time:5 Minute, 6 Second

लातेहार, (आईएएनएस)| एक समय था, जब पर्यटक खुले में बाघ देखने के लिए लोग पलामू टाइगर रिजर्व (पीटीआर) क्षेत्र पहुंचते थे, लेकिन पिछले वर्ष राष्ट्रीय बाघ गणना में यहां एक भी बाघ नहीं पाए जाने के बाद वन विभाग की अब नींद खुली है। बाघों के एकदम से गायब हो जाने के बाद झारखंड के एकमात्र पलामू टाइगर रिजर्व के गौरवशाली अतीत को फिर से लौटने की पहल शुरू की गई है।

वन विभाग के बड़े अधिकारी इस दिशा में पिछले चार दिनों यहां से मैराथन बैठक कर पीटीआर के समक्ष आ रही मुख्य चुनौतियों की पहचान करने और उनके निदान खोजने के प्रयास कर रहे हैं।

झारखंड सरकार ने इस दिशा में पहल करते हुए राज्य के सेवानिवृत्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) सी़ आऱ सहाय की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है। यह समिति पीटीआर के दस वर्षो तक चलने वाले टाइगर एक्शन प्लान की मध्यावधि समीक्षा कर आवश्यक संशोधनों की अनुशंसा नेशनल टाइगर कन्जर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) से करेगी।

झारखंड के सेवानिवृत्त पीसीसीएफ सहाय के अलावा केरल के सेवानिवृत्त पीसीसीएफ ओ़ पी़ कलेर, क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक (आरसीसीएफ ) डॉ. मोहनलाल और पीटीआर क्षेत्र के निदेशक वाई़ क़े दास और लातेहार के उपायुक्त (डीसी) जिशान कमर इस टीम शामिल हैं।

व्र्ष 2019 में जारी नवीनतम राष्ट्रीय बाघ गणना के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में बाघों के एकमात्र व्याघ्र आरक्ष में बाघों की कोई मौजूदगी नहीं है। पीटीआर लातेहार और गढ़वा जिले में 1129 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है।

पीटीआर के क्षेत्रीय निदेशक वाई़ क़े दास ने कहा, “बाघों की संख्या में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए बाघ संरक्षण योजना में उपयुक्त बदलाव करने के लिए यह मध्यावधि समीक्षा की जा रही है। पांच साल की अवधि में जमीनी हालात बदलने की संभावना रहती है। समिति एक्शन प्लान में आवश्यक फेरबदल की सिफारिश करेगी जो राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) द्वारा अनुमोदन के बाद जमीनी स्तर पर लागू किया जाएगा।”

पीटीआर के समक्ष वर्तमान में प्रमुख चुनौतियों के बारे में दास ने कहा, “ग्रास-लैंड का विकास, रिजर्व में पर्याप्त पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करना, पालतू पशुओं द्वारा चराई, जंगली जानवरों द्वारा फसलों के नुकसान के लिए मुआवजे की समस्या और नक्सलवाद का डर आदि प्रमुख मुद्दे हैं, जिन पर विचार चल रहा है।”

वन्यजीव विशेषज्ञ और राज्य वन्यजीव बोर्ड के सदस्य डी़ एस़ श्रीवास्तव ने कहा, “मैंने ध्यान दिलाया है कि पीटीआर को पुनर्जीवित करने का एकमात्र तरीका संरक्षण प्रक्रिया में स्थानीय लोगों को शामिल करना है। ग्रामीणों के लिए रोजगार प्रदान करने के लिए पर्यावरण विकास परियोजनाओं को फिर से शुरू किया जाना चाहिए।”

उन्होंने आगे कहा, “रिजर्व में अन्य गतिविधियों को सामान्य तरीके से निष्पादित किया जा रहा है, लेकिन बाघों के स्कैट (मल) संग्रह में वे नक्सल खतरे का हवाला देते हैं। इसे बदलना होगा।”

श्रीवास्तव बताते हैं कि बाघों की निगरानी और बाघों के स्कैट संग्रह के लिए पार्क अधिकारियों को एक मजबूत नेटवर्क बनाने की जरूरत है।

बैठक में पीटीआर डिप्टी फील्ड डायरेक्टर कुमार आशीष और मुकेश कुमार के साथ-साथ परीक्ष्यमान भारतीय वन सेवा अधिकारी (आईएफएस) अजिंक्य बनकर, बेतला रेंज अधिकारी प्रेम प्रसाद और अन्य मौजूद रहे।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *