BNT Logo | Breaking News Today Logo

Latest Hindi News

  •   बुधवार, 05 मार्च 2025 02:05 AM
  • 13.09°C नई दिल्ली, भारत

    Breaking News

    ख़ास खबरें
     
  1. चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पहुंचा भारत: हार्दिक पांड्या की तूफानी पारी
  2. तेजस्वी यादव पर भड़के नीतीश कुमार, कहा, ‘तुम्हारे पिता को हम ही बनाए थे सीएम’
  3. चुनाव अधिकारी राजनीतिक दलों के साथ करें नियमित बैठक : मुख्य निर्वाचन आयुक्त
  4. महिला समृद्धि योजना के पूरा न होने का आरोप, ‘आप’ ने किया प्रदर्शन
  5. डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन को दी जाने वाली सभी सहायता पर लगाई रोक
  6. स्वास्थ्य के नाम पर ‘आप’ सरकार में हुआ भ्रष्टाचार: रेखा गुप्ता
  7. किसानों के साथ सीएम मान की बातचीत विफल
  8. राहुल गांधी ने मंत्री वीरेंद्र कुमार को लिखा पत्र, पूछा-एनसीएससी और एनसीबीसी में पद खाली क्यों?
  9. मथुरा : होली में मुस्लिमों की एंट्री बैन की जाए : राजू दास
  10. कांग्रेस प्रवक्ता के रोहित शर्मा के बॉडी शेमिंग करने पर भड़के राजनेता, पार्टी से एक्शन की मांग
  11. जम्मू-कश्मीर : बजट सत्र पर कांग्रेस नेता तारिक हमीद ने कहा,’बहाल हो रहा है लोकतंत्र’
  12. ‘औरंगजेब’ के कार्यकाल में भारत था सोने की चिड़िया : अबू आजमी
  13. बिहार बजट पर चुनावी साल की ‘छाया’, महिलाओं और किसानों पर भी विशेष फोकस
  14. बसपा प्रमुख मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी से निकाला
  15. भारत ‘सर्कुलर इकोनॉमी’ की ओर अपनी यात्रा में सीख को साझा करने काे इच्छुक : पीएम मोदी

‘मियां-तियां’ और ‘पाकिस्तानी’ कहना अनुचित, लेकिन यह धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला अपराध नहीं : सुप्रीम कोर्ट

bntonline.in Feedback
अपडेटेड 04 मार्च 2025, 7:29 PM IST
‘मियां-तियां’ और ‘पाकिस्तानी’ कहना अनुचित, लेकिन यह धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला अपराध नहीं : सुप्रीम कोर्ट
Read Time:3 Minute, 35 Second

बीएनटी न्यूज़

रांची/नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड के बोकारो निवासी हरिनंदन सिंह की अपील पर सुनवाई के बाद फैसला दिया है कि किसी व्यक्ति को “मियां-तियां” और “पाकिस्तानी” कहकर पुकारना अनुचित हो सकता है, लेकिन यह भारतीय दंड संहिता की धारा 298 के तहत धार्मिक भावनाएं आहत करने वाला अपराध नहीं माना जा सकता।

जस्टिस बी. वी. नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने इस फैसले के साथ हरिनंदन सिंह के खिलाफ दर्ज मामले को निरस्त कर दिया। हरिनंदन सिंह के खिलाफ यह मामला बोकारो के चास अनुमंडल कार्यालय में कार्यरत उर्दू ट्रांसलेटर मो. शमीमुद्दीन ने दर्ज कराया था।

उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें जिस तरह के अपमानजनक शब्द कहे गए, इससे उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। मो. शमीमुद्दीन के मुताबिक जब वे एक आरटीआई आवेदन से संबंधित जानकारी देने के लिए हरिनंदन सिंह से मिलने गए, तो उन्होंने उनके धर्म का उल्लेख करते हुए उन्हें ‘मियां-तियां’ और ‘पाकिस्तानी’ कहा।

इस मामले में जांच के बाद पुलिस ने हरिनंदन सिंह के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। इसके बाद जुलाई, 2021 में मजिस्ट्रेट ने उनके खिलाफ संज्ञान लेते हुए उन्हें समन जारी किया था। उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्यों के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल प्रयोग), धारा 298 (धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए शब्दों का उपयोग), और धारा 504 (शांतिभंग के लिए उकसाने वाला अपमान) के तहत आरोप तय किए गए थे।

इसके खिलाफ हरिनंदन सिंह ने जिला अदालत का रुख किया, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने झारखंड हाईकोर्ट का रुख किया। हाईकोर्ट ने भी सुनवाई के बाद उन्हें आरोपमुक्त करने से इनकार कर दिया तो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि एफआईआर में आरोपी द्वारा कोई हमला या बल प्रयोग नहीं किया गया था, इसलिए आईपीसी की धारा 353 लागू नहीं होती।

इसके अलावा, आरोपी द्वारा ऐसा कोई कार्य भी नहीं किया गया था जिससे शांति भंग होने की स्थिति उत्पन्न हो, अतः आईपीसी की धारा 504 के तहत भी उसे आरोपित नहीं किया जा सकता। अदालत ने कहा कि “‘मियां-तियां’ और ‘पाकिस्तानी’ जैसे शब्दों का उपयोग निश्चित रूप से अनुचित और खराब व्यवहार का परिचायक है, लेकिन यह धारा 298 के तहत अपराध की श्रेणी में नहीं आता।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *