
बीएनटी न्यूज़
नई दिल्ली। केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने गुरुवार को हिंसा प्रभावित मणिपुर का दौरा किया। उन्होंने वहां सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया और भारत-म्यांमार सीमा पर भारतीय सैनिकों के समक्ष आने वाली चुनौतियों को समझा।
संजय सेठ के दो दिवसीय मणिपुर दौरे का यह आखिरी दिन था। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, वह मणिपुर के कामजोंग जिले के चस्साद क्षेत्र में पहुंचे थे। उन्होंने क्षेत्र में असम राइफल्स की तैयारियों की विस्तृत समीक्षा की।
मंत्रालय ने बताया कि उन्होंने यहां पहुंचने के बाद असम राइफल्स की बटालियनों की संचालनात्मक और प्रशासनिक तैयारियों की समीक्षा की। साथ ही अग्रिम कंपनी ऑपरेटिंग बेसों का दौरा किया। यहां उन्हें सीमा प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं और इस संबंध में किए गए उपायों की जानकारी दी गई।
रक्षा राज्य मंत्री ने भारत-म्यांमार सीमा पर हाल ही में स्थापित हिमिन थाना बॉर्डर क्रॉसिंग प्वाइंट का भी दौरा किया। इस बॉर्डर क्रॉसिंग प्वाइंट का उद्देश्य बेहतर सीमा नियमन, सीमा पार समन्वय में सुधार और क्षेत्र में सुरक्षा को मजबूत करना है।
असम राइफल्स के अधिकारियों और जवानों से बातचीत करते हुए उन्होंने कठिन परिस्थितियों में उनके पेशेवर रवैये, समर्पण और उच्च मनोबल की सराहना की।
उल्लेखनीय है कि मणिपुर में बीते दिनों सेना ने राज्य पुलिस एवं अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर बड़ी तादाद में अवैध हथियारों की बरामदगी की थी। सेना ने बीते कई दिनों तक चले विभिन्न सर्च ऑपरेशन के दौरान मणिपुर के अलग-अलग हिस्सों से हथियारों की यह बड़ी खेप जब्त की थी। जब्त किए गए हथियारों में एके 47 राइफल, ग्रेनेड, इम्प्रॉवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस और कार्बाइन जैसे आधुनिक हथियार शामिल थे।
भारतीय सेना और असम राइफल्स ने स्पीयर कोर के तहत मणिपुर के कांगपोकपी, तेंगनौपाल, चंदेल, सेनापति, जिरिबाम और बिष्णुपुर जिलों में गुप्त सूचना पर आधारित अभियान में मणिपुर पुलिस, सीआरपीएफ, बीएसएफ और आईटीबीपी के सहयोग से 29 हथियार, आईईडी, ग्रेनेड, गोला-बारूद और अन्य युद्ध सामग्रियां बरामद की थीं।