
बीएनटी न्यूज़
भोपाल। केंद्र सरकार के जातिगत जनगणना कराए जाने के फैसले का मध्य प्रदेश के कांग्रेस नेताओं ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार को यह फैसला कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दबाव के चलते लेना पड़ा है।
कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय में विभिन्न मोर्चा और प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। इस मौके पर सभी नेताओं ने केंद्र के फैसले को राहुल गांधी द्वारा जातिगत जनगणना को लेकर चलाई जा रही मुहिम का नतीजा बताया।
मध्य प्रदेश अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार ने कहा कि जातिगत जनगणना हमारी प्राथमिकता है। बीते पांच साल से राहुल गांधी जातिगत जनगणना की बात कर रहे हैं और इसी दबाव के चलते केंद्र सरकार को जातिगत जनगणना कराए जाने का फैसला लेना पड़ा है। जातिगत जनगणना सामाजिक न्याय की दिशा में एक निर्णायक कदम है, जातिगत जनगणना केवल समय की मांग नहीं है, बल्कि देश के वंचित वर्गों को उनके अधिकार दिलाने का माध्यम भी है।
उन्होंने कहा कि जातिगत आंकड़े सामने लाना आवश्यक है, जिससे सरकार की योजनाएं सटीक और समावेशी बन सकें। मध्य प्रदेश आदिवासी कांग्रेस के अध्यक्ष रामू टेकाम का कहना है कि जातिगत जनगणना राहुल गांधी की जीत है। हम इसका समर्थन करते हैं, लेकिन केंद्र सरकार स्पष्ट टाइमलाइन बताए कि यह कब तक होगी। तेलंगाना सरकार ने इसका उत्कृष्ट मॉडल पेश किया है। अब समय आ गया है कि 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को तोड़ा जाए।
पिछड़ा वर्ग कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष पवन पटेल का कहना है कि जातिगत जनगणना राहुल गांधी के अथक प्रयासों की जीत है। जिस तरह महात्मा गांधी ने देश को आजादी दिलाई थी, उसी तरह राहुल गांधी देश को भाजपा की नीतियों से आजाद कराएंगे।
कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के सदस्य वसीम कुरैशी का कहना है कि जातिगत जनगणना केवल ओबीसी, एससी और एसटी की ही नहीं, बल्कि पूरे देश के हाशिए पर खड़े हर समुदाय की आवाज है। यह सामाजिक न्याय की आधारशिला है और कांग्रेस पार्टी इसके लिए पूरी मजबूती से खड़ी है।