
बीएनटी न्यूज़
आगरा। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव शनिवार को आगरा पहुंचे, जहां उन्होंने सपा के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार की तीखी आलोचना की और दावा किया कि रामजी लाल के घर पर हमला भी साजिश के तहत किया गया।
अखिलेश यादव ने देश के संविधान का जिक्र करते हुए कहा कि बाबासाहेब के संविधान और जो लोकतंत्र में हमें जो अधिकार मिले हैं, उनके तहत हम आगे बढ़ रहे हैं। हमें संविधान और कानून पर पूरा भरोसा है। जिन्होंने तलवार लहराई, जो बहुत सी तैयारियों के साथ आए, जिन्होंने गलियां दी हैं, वे आज भी सोशल मीडिया पर हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। हम लोग कानून मानने वाले हैं। भाजपा कानून को नहीं मानती। वह अधिकार को छीनने वाली है। सरकार पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों को डराना चाहती है, क्योंकि वह जानती है कि पीडीए की ताकत सपा के साथ खड़ी है।
उन्होंने कहा कि यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि आज सामंतवादी और प्रभुत्ववादी लोगों को पता है कि उनकी सरकार है। मुझे गोली मारने की धमकी मिल रही है कि ‘जैसे फूलन देवी को मारा वैसे तुम्हें मारेंगे’, आखिरकार कौन हैं इनके पीछे? भाजपा के लोग कुछ भी लिख सकते हैं, उन पर न एफआईआर होगी, न ही कोई कार्रवाई होगी।
अखिलेश यादव ने कहा कि पुरानी सरकार में कहा जाता था यूपी पुलिस में केवल यादवों की भर्ती हुई है। ऐसी कई फर्जी खबरें चलाई जाती हैं। आज जो आंकड़े हैं वह खबर कहीं नहीं चल रही, आगरा में 48 थाने हैं जिनमें कोई बता सकता है कि कितने पीडीए हैं? मैनपुरी में 15 थाने हैं, उनमें 10 में सरकार के स्वजातीय लोग हैं, महोबा में 11 थाने हैं, छह में सिंह साहब लोग हैं। मनमानी का दौर अब नहीं चलेगा क्योंकि अब बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर का संविधान है, संविधान ही सर्वोपरि रहेगा, यह पहले भी था और आगे भी रहेगा।
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि प्रयागराज में एक दलित को जलाकर मार दिया गया था क्योंकि उसने एक जाति विशेष के गेहूं काटने से मना कर दिया था। आजाद भारत में ऐसी घटनाएं होंगी? आगरा में कुछ दिनों पहले बारातियों और दूल्हे को घोड़ी से उतार कर मारा गया क्योंकि वे बाबासाहेब का गाना बजा रहे थे। अगर गाना तेज था, उसकी शिकायत कर सकते थे। इसी तरह निषाद को सोशल मीडिया पर लिखने के लिए मारा गया। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिस शहर को स्मार्ट सिटी बनाना था, वह जाम में उलझ गया। इन्होंने मां यमुना और गंगा को कितना साफ किया, आप देख रहे होंगे। जानबूझकर रामजीलाल सुमन को अपमानित करने के लिए काम किया गया। समाज में जहर घोलने का काम किया। अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए ऐसा किया।