
बीएनटी न्यूज़
नई दिल्ली। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता और पाकिस्तान को विश्व स्तर पर बेनकाब करने के इरादे से भारत सरकार की ओर से बनाए गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों में पार्टी की सूची को दरकिनार करते हुए शशि थरूर तथा कांग्रेस के अन्य सांसदों की एंट्री पर उन्हीं की पार्टी के राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने एतराज जताते हुए इसे लोकतंत्र के खिलाफ बताया है।
प्रमोद तिवारी ने सोमवार को बीएनटी न्यूज़ से बातचीत के दौरान शशि थरूर का नाम लिए बिना इशारों-इशारों में कह दिया कि हमारे पास सांसदों के कई नाम थे। सरकार ने उन्हें चुनना ठीक नहीं समझा।
उन्होंने कहा कि संसदीय प्रणाली लोकतंत्र में बहुत महत्वपूर्ण होती है। उसकी एक मान्य परंपरा है। संसदीय समितियों में अस्थाई समितियों में पार्टियों से नाम मांगे जाते हैं। जब कांग्रेस से प्रतिनिधिमंडल के लिए नाम मांगे गए, तो हमने चार नाम दिए। लेकिन, कांग्रेस की ओर से जो चार नाम दिए गए, उन्हें प्रतिनिधिमंडल में शामिल न करके भाजपा ने अपनी मनमर्जी की। कांग्रेस सांसद ने कहा कि अगर पार्टी की ओर से भेजे गए चार नामों में कोई दिक्कत थी, तो हमसे कहा जाता कि हम अन्य सांसदों के नाम भेजते। लेकिन, भाजपा ने ऐसा नहीं किया और अपनी मनमर्जी चलाई।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि पहलगाम आतंकवादी घटना के बाद, देश की एकता और अखंडता के लिए कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार को अपना समर्थन दिया। लेकिन फिर भी भाजपा घटिया राजनीति से बाज नहीं आई।
तृणमूल कांग्रेस सांसद यूसुफ पठान के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से नाम वापस लेने पर प्रमोद तिवारी ने इसे दूसरी पार्टी का मसला बताकर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए यूसुफ पठान को सांसद के तौर पर प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया गया था। लेकिन, पूर्व क्रिकेटर रहे पठान ने प्रतिनिधिमंडल के साथ विदेश जाने से इनकार कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि उन्होंने पार्टी के दबाव में अपना नाम वापस लिया है।