BNT Logo | Breaking News Today Logo

Latest Hindi News

  •   शुक्रवार, 25 अप्रैल 2025 08:16 AM
  • 27.09°C नई दिल्ली, भारत

    Breaking News

    ख़ास खबरें
     
  1. सर्वदलीय बैठक में खड़गे ने उठाए सवाल, बोले- इसमें प्रधानमंत्री की मौजूदगी जरूरी थी
  2. भारत ने पाकिस्तान को लिखा पत्र, सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित करने की दी जानकारी
  3. पहलगाम आतंकी हमला : सर्वदलीय बैठक खत्म, सभी दलों ने दिखाई एकजुटता
  4. मृतकों को श्रद्धांजलि देने के लिए कांग्रेस शुक्रवार को निकालेगी कैंडल मार्च : केसी वेणुगोपाल
  5. पहलगाम आतंकी हमले को लेकर कई राष्ट्राध्यक्षों ने पीएम मोदी से की बात, आतंकवाद के खिलाफ दिखाई एकजुटता
  6. महागठबंधन की बैठक के बाद तेजस्वी यादव ने पहलगाम की घटना को लेकर केंद्र को घेरा
  7. सीसीएस की बैठक में लिए गए फैसले से पाकिस्तान को म‍िलेगा कड़ा सबक : अरुण साव
  8. पहलगाम आतंकी हमला : भारत ने 27 अप्रैल से पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा किया निलंबित
  9. सिंधु जल संधि पर रोक से पाकिस्तान पर क्या पड़ेगा असर?
  10. जम्मू-कश्मीर: पहलगाम हमले के गुनहगारों की सूचना देने वालों को 20-20 लाख का इनाम
  11. ‘हम एनडीए के साथ हैं और आगे भी रहेंगे’, नीतीश कुमार ने फिर दिया भरोसा
  12. हिंदुओं को जानबूझकर निशाना बनाना, पूरे देश में भावनाएं भड़काने की एक सोची-समझी साजिश: सीडब्ल्यूसी
  13. मधुबनी : मंच से पीएम मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वालों को दी श्रद्धांजलि, फिर शुरू किया भाषण
  14. प्रधानमंत्री मोदी ने मधुबनी में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर करीब 13,480 करोड़ रुपए की योजनाओं की दी सौगात
  15. भारत ने पाकिस्तान सरकार का आधिकारिक एक्स अकाउंट किया ब्लॉक

सुप्रीम कोर्ट से पीएफआई के पूर्व अध्यक्ष अबूबकर को झटका, जमानत देने से किया इनकार

bntonline.in Feedback
अपडेटेड 17 जनवरी 2025, 6:48 PM IST
सुप्रीम कोर्ट से पीएफआई के पूर्व अध्यक्ष अबूबकर को झटका, जमानत देने से किया इनकार
Read Time:3 Minute, 3 Second

बीएनटी न्यूज़

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के पूर्व अध्यक्ष ई. अबूबकर को आतंकवाद विरोधी कानून (यूएपीए) के तहत दर्ज मामले में मेडिकल आधार पर जमानत देने से इनकार कर दिया।

अबूबकर के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की खंडपीठ ने मेडिकल रिपोर्ट देखने के बाद कहा कि इस समय अबू बकर को जमानत नहीं दी जा सकती।

साथ ही खंडपीठ ने अबू बकर के वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकर नारायण की उस याचिका को भी खारिज कर दिया, जिसमें वैकल्पिक तौर पर उन्हें घर पर नजरबंद करने का अनुरोध किया गया था। साथ ही वरिष्ठ अधिवक्ता से कहा कि यदि आगे तबियत खराब होती है तो वह निचली अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अबू बकर को 2022 में संगठन पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार किया था। तभी से वो जेल में बंद हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने मेडिकल आधार पर दायर उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी याचिका खारिज कर दी है।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के मुताबिक, पीएफआई, उसके पदाधिकारियों और सदस्यों ने देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकी वारदातों को अंजाम देने के लिए धन जुटाने की आपराधिक साजिश रची है और इस उद्देश्य के लिए अपने कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने के लिए शिविर आयोजित कर रहे थे।

गौरतलब है कि अबू बकर ने हाईकोर्ट में अपनी दायर याचिका में तर्क दिया था कि यूएपीए के तहत उनके खिलाफ एनआईए के मामले का समर्थन करने के लिए कोई सामग्री नहीं है। इसलिए वह जमानत के हकदार हैं। याचिका में यह भी दावा किया था कि वह 70 वर्ष के हैं, उन्हें पार्किंसंस रोग है और कैंसर के इलाज के लिए उनकी सर्जरी भी हो चुकी है। हालांकि, कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया था।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *