
बीएनटी न्यूज़
नई दिल्ली । उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पिछले दिनों हृदय रोग के कारण दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती थे। अब सोमवार को वह राज्यसभा में आए, जहां सभी सांसदों ने उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। 9 मार्च की सुबह सीने में दर्द की शिकायत के बाद उपराष्ट्रपति को एम्स दिल्ली में भर्ती कराया गया था।
कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. राजीव नारंग की देखरेख में उन्हें क्रिटिकल केयर यूनिट (सीसीयू) में रखा गया था। यहां आवश्यक व सफल उपचार के बाद 12 मार्च को उन्हें छुट्टी दे दी गई। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद पहली बार सोमवार को उपराष्ट्रपति सदन में आए। उपराष्ट्रपति, जो कि राज्यसभा के सभापति भी हैं, उन्हें नेता सदन जेपी नड्डा ने होली की शुभकामनाएं दी।
नड्डा ने पूरे सदन की ओर से उपराष्ट्रपति को होली की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि आप स्वास्थ्य लाभ लेकर आज पहली बार सदन में आए हैं। उन्होंने कहा कि सदन में आपने अपना कार्यभार संभाला है, उसके लिए आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं और बधाई देता हूं। नड्डा ने कहा कि वे और सदन के सभी सदस्य उपराष्ट्रपति के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं।
इसके उपरांत नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उपराष्ट्रपति को होली की बधाई दी और उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि आप (उपराष्ट्रपति) की लंबी आयु हो। इसके साथ ही मल्लिकार्जुन खड़गे ने उपराष्ट्रपति से निवेदन भी किया कि अभी आपको थोड़ा आराम करना है। खड़गे ने कहा कि उन्होंने सोचा था कि सभापति अभी 5-6 दिन आराम करेंगे, लेकिन उनका उत्साह देखने के बाद ऐसा लग रहा है कि काम करने का, कर्तव्य निभाने का उनका तरीका है जिसे वह बहुत ही लगन से कर रहे हैं।
वहीं उपराष्ट्रपति ने कहा कि आप सभी ने मेरे अच्छे स्वास्थ्य की कामना की, इसके लिए मैं आपका धन्यवाद करता हूँ। उन्होंने बताया कि जब वे बीमार थे, अस्पताल में थे, उस दौरान सोनिया गांधी ने उनकी धर्मपत्नी से संपर्क किया और उनका हालचाल पूछा। इसके साथ ही कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने उनके स्वास्थ्य की कामना की, जिनमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल रहीं।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह दिखाता है कि हम लोगों के दिल आपस में एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और यह सच में प्रेरणा का एक बड़ा स्रोत है। उन्होंने बताया कि उनकी बीमारी के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनसे मिलने आए, कई और अन्य व्यक्ति भी अस्पताल में आना चाहते थे, लेकिन अस्पताल की रोक के कारण वे नहीं आ सके।
वहीं सोमवार को राज्यसभा में विपक्षी सांसदों ने विभिन्न मुद्दों पर नियम 267 के तहत 10 अलग-अलग नोटिस दिए थे। हालांकि पूर्व में तय किए गए नियम और प्रावधानों का हवाला देते हुए उप सभापति ने इन नोटिसों पर चर्चा की अनुमति नहीं दी। जिसके उपरांत सदन में विपक्षी दलों ने नारेबाजी की और सदन से वॉकआउट किया।