
बीएनटी न्यूज़
नागपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नागपुर में मंच से कहा कि राष्ट्रीय सेवक संघ आधुनिक भारत का अक्षय वट है, जो निरंतर भारतीय संस्कृति और राष्ट्रीय चेतना को ऊर्जा प्रदान कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तारीफ करते हुए कहा, “हमारा शरीर परोपकार और सेवा के लिए ही है। जब सेवा संस्कार बन जाती है, तो साधना बन जाती है। यही साधना हर स्वयंसेवक की प्राणवायु होती है। यह सेवा संस्कार, यह साधना, यह प्राणवायु, पीढ़ी दर पीढ़ी हर स्वयंसेवक को तप और तपस्या के लिए प्रेरित करती है। उसे न थकने देती है और न ही रुकने देती है। हमारे संतों ने हमारी राष्ट्रीय चेतना को एक नई ऊर्जा दी। स्वामी विवेकानंद ने निराशा में डूब रहे समाज को झकझोरा और आशा का संचार किया। गुलामी के कालखंड में डॉक्टर साहब और गुरुजी ने नया विचार दिया। आज महान वटवृक्ष के रूप में आरएसएस दुनिया के सामने है। ये कोई साधारण वटवृक्ष नहीं, बल्कि भारत की अमर संस्कृति का अक्षयवट है, जो निरंतर भारतीय संस्कृति और राष्ट्रीय चेतना को ऊर्जा प्रदान कर रहा है।”
पीएम मोदी ने आगे कहा, “आरएसएस भी एक ऐसा संस्कार यज्ञ है जो अंतर्दृष्टि और बाह्यदृष्टि दोनों के लिए काम कर रहा है। बाह्य दृष्टि ने माधव नेत्रालय को जन्म दिया है, तो अंतदृष्टि ने संघ को सेवा का प्रयाय बना दिया है। ये सेवा संस्कार और साधना पीढ़ी दर पीढ़ी हरेक स्वयंसेवक को प्रेरित करती है, उसे गतिमान रखती है। उसे कभी थकने नहीं देती, उसे कभी रुकने नहीं देती।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने वसुधैव कुटुंबकम का भाव समझाया। उन्होंने कहा, “‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना, जिसका अर्थ है ‘पूरी दुनिया एक परिवार है’, अब पूरी दुनिया में गूंज रही है। यह हमारे कार्यों से प्रमाणित हो रहा है। जब कोविड-19 ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया, तो भारत ने वैश्विक समुदाय को अपना परिवार मानते हुए जरूरतमंदों को टीके उपलब्ध कराने के लिए कदम उठाए। हाल ही में म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप के बाद भारत ने सबसे पहले ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के जरिए राहत सामग्री भेजी, और तुर्की तथा नेपाल को भी मदद दी। मॉलदीव के जल संकट के दौरान भी भारत ने अपना समर्थन प्रदान किया। संकट के समय में भारत ने अन्य देशों से अपने नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने की प्रक्रिया को भी सफलतापूर्वक संचालित किया।”
बता दें कि इस दौरान मंच पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री मोदी रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मुख्यालय पहुंचे। सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक यहां रहे। उन्होंने संघ के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार और दूसरे सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर (गुरुजी) के स्मारक स्मृति मंदिर पहुंचकर श्रद्धांजलि दी।
बतौर प्रधानमंत्री, ये उनका पहला दौरा था। प्रधानमंत्री मोदी ने संघ के माधव नेत्रालय के एक्सटेंशन बिल्डिंग की आधारशिला रखी।