
बीएनटी न्यूज़
संबलपुर। ओडिशा के संबलपुर जिले के मुदीपाड़ा में राज्य के दूसरे कृषि भवन का भव्य उद्घाटन किया गया। 5.36 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित इस अत्याधुनिक भवन का उद्घाटन केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंहदेव ने संयुक्त रूप से किया।
इस अवसर पर राजस्व मंत्री सुरेश पुजारी, पंचायती राज मंत्री रवि नारायण नाइक, संबलपुर विधायक जय नारायण मिश्रा सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। यह भवन किसानों के कल्याण और कृषि क्षेत्र में शोध व प्रशिक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
इस अत्याधुनिक कृषि भवन में मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) कार्यालय, आत्मा केंद्र, कॉन्फ्रेंस हॉल, गेस्ट हाउस और मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। यह भवन किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों का प्रशिक्षण प्रदान करने और कृषि से संबंधित शोध को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके माध्यम से किसानों को नवीनतम तकनीकों और वैज्ञानिक खेती के तरीकों की जानकारी दी जाएगी, जिससे उत्पादकता और आय में वृद्धि होगी।
उद्घाटन समारोह में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “संबलपुर ओडिशा का एक प्रमुख कृषि उत्पादन केंद्र है। डबल इंजन सरकार ने पिछले एक साल में किसानों के हित में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। आज इस कृषि भवन के उद्घाटन से किसानों को नई दिशा मिलेगी।”
उन्होंने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार किसानों के लिए कई योजनाएं लागू कर रही हैं। पिछले वर्ष ओडिशा के किसानों को धान पर 8,000 करोड़ रुपए की इनपुट सब्सिडी प्रदान की गई। इसके अलावा, केंद्र सरकार ने 2025-26 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि की है, जबकि ओडिशा सरकार प्रति क्विंटल 800 रुपए की अतिरिक्त सहायता दे रही है।
उन्होंने आगे कहा, “पिछले आर्थिक वर्ष में रबी और खरीफ फसलों को मिलाकर लगभग 7-8 हजार क्विंटल की खरीद हुई, जो एक रिकॉर्ड है। आजादी के बाद ओडिशा में किसानों को इतनी बड़ी सब्सिडी पहली बार मिली है।”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के नेतृत्व में सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए कहा कि सब्जी उत्पादन, पशुपालन और अन्य क्षेत्रों में ग्रामीण आय बढ़ाने के लिए कई योजनाएं लागू की जा रही हैं।
उपमुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि यह भवन पश्चिमी ओडिशा के किसानों के लिए एक वरदान साबित होगा। उन्होंने शीतल षष्ठी के पावन अवसर पर इस उद्घाटन को ऐतिहासिक बताया।