
बीएनटी न्यूज़
गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कांग्रेस नेता गौरव गोगोई और उनकी ब्रिटिश पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न को पाकिस्तानी संगठन से जोड़ने वाली रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि गौरव गोगोई को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उनकी पत्नी ने भारत की नागरिकता हासिल की है या नहीं और उन्हें अपनी पत्नी के आईएसआई के साथ जुड़े होने के आरोपों पर भी जरूर सफाई देनी चाहिए।
हिमंता बिस्वा सरमा ने गौरव गोगोई की पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न पर सवाल उठाते हुए सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किया था, “पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े होने के आरोप, युवाओं को पाकिस्तान दूतावास ले जाकर उनके विचार बदलने और कट्टरता बढ़ाने की कोशिश, पिछले 12 वर्षों से भारतीय नागरिकता न लेने का मामला – ये सभी गंभीर सवाल हैं जिनका जवाब देना जरूरी है। इसके अलावा, धर्म परिवर्तन के गिरोह में शामिल होना और राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर करने के लिए बाहरी स्रोतों से, जिसमें जॉर्ज सोरोस भी शामिल हैं, धन प्राप्त करना भी बड़े चिंताजनक मुद्दे हैं।
“ऐसे मामलों में जवाबदेही से बचना आसान नहीं होगा। जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ना या दूसरों पर आरोप लगाकर ध्यान भटकाने की कोशिश करना कोई समाधान नहीं है। देश को सच्चाई और पारदर्शिता की जरूरत है।”
हिमंता बिस्वा सरमा ने शनिवार को पाकिस्तान के अली शेख के एक ‘एक्स’ पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। अली शेख ने इस पोस्ट में गौरव गोगोई की पत्नी एलिजाबेथ को भी टैग किया हुआ था। इस पोस्ट में अली शेख ने गौरव गोगोई द्वारा संसद में दिल्ली दंगों पर चर्चा करने और फिर स्पीकर द्वारा उन्हें निलंबित करने की बात का जिक्र किया था। अली शेख का पोस्ट इस प्रकार था- “गौरव गोगोई और छह अन्य सांसदों को संसद से निलंबित कर दिया गया। उन्होंने आम जनता के हक में आवाज उठाई थी। गौरव गोगोई ने कहा, “मुझे निलंबित कर दें, लेकिन दिल्ली दंगों पर चर्चा जरूर करें।”
इस पर हिमंता बिस्वा सरमा ने एक अन्य एक्स पोस्ट के जरिए शनिवार को प्रतिक्रिया दी, “लीड पाकिस्तान के अली शेख ने भारत विरोधी प्रचार किया था। वह एलिजाबेथ कोलबर्न के सहयोगी और वरिष्ठ हैं। उन्होंने माननीय सांसद को टैग कर सराहना भी की जब उन्होंने संसद में दिल्ली दंगों 2020 का मुद्दा उठाया। जी हां, ये संबंध गहरे और लंबे समय से जुड़े हुए लगते हैं।”
अली शेख इससे पहले भी भारत के खिलाफ कई तरह की सोशल मीडिया पोस्ट कर चुका है। उसने एक बार कहा था, “असल समस्या सिर्फ यह नहीं है कि बांग्लादेश से अवैध प्रवासी असम के रास्ते भारत आ रहे हैं, बल्कि यह है कि बंगालियों के प्रति स्थानीय विरोध और भाजपा के हिंदू राष्ट्रवाद का मुस्लिमों के खिलाफ एजेंडा एक साथ मिल रहे हैं। भारत अपने ही लोगों को नागरिकता से वंचित क्यों कर रहा है?
अली शेख ने कोविड-19 के समय में भी कहा था, “कोरोना वायरस को लेकर भारत की प्रतिक्रिया में इस्लामोफोबिया की झलक दिखती है।”
इस घटनाक्रम पर सरमा ने पत्रकारों से कहा, “कांग्रेस नेता को अपनी पत्नी की नागरिकता और उनके पाकिस्तान में पहले किए गए पेशेवर कार्यों पर सफाई देनी चाहिए। इसके अलावा, उन्हें यह भी बताना चाहिए कि उन्होंने विदेश मंत्रालय को जानकारी दिए बिना पाकिस्तानी उच्चायुक्त से मुलाकात क्यों की?”
मुख्यमंत्री ने इससे पहले कहा था कि गौरव गोगोई ने पाकिस्तान उच्चायोग से मुलाकात के बाद संसद में रक्षा और सुरक्षा से जुड़े सवाल उठाए। उन्होंने बताया, “26/11 के मुंबई हमलों ने भारत की समुद्री सुरक्षा में कमजोरियों को उजागर किया था। इसी संदर्भ में, सांसद गोगोई ने संसद में सवाल नंबर 2 उठाया, जिसमें उन्होंने तटीय रडार स्टेशनों की पूरी जानकारी और उनकी लागत से जुड़ी जानकारियां मांगी थीं।”
सरमा ने अपनी पोस्ट की सीरीज में सवाल उठाए थे, “असम से सांसद, जो चारों ओर जमीन से घिरा राज्य है, उन्हें समुद्री रडार सिस्टम की गोपनीय जानकारी क्यों चाहिए थी? ऐसी संवेदनशील जानकारी को सार्वजनिक करने की जरूरत क्यों पड़ी? और यह सवाल पाकिस्तानी उच्चायुक्त से मुलाकात के तुरंत बाद ही क्यों पूछा गया?”