BNT Logo | Breaking News Today Logo

Latest Hindi News

  •   रविवार, 20 अप्रैल 2025 12:54 PM
  • 37.09°C नई दिल्ली, भारत

    Breaking News

    ख़ास खबरें
     
  1. पश्चिम बंगाल : मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 21 अप्रैल को सुनवाई
  2. निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा के बयान से भाजपा का किनारा, कहा- ‘यह उनका व्यक्तिगत बयान’
  3. संगठन को मजबूत करेगी कांग्रेस, ‘संविधान बचाओ’ रैलियों से देश भर में शुरू होगा जन अभियान
  4. दिल्ली इमारत हादसा : राष्ट्रपति मुर्मू और पीएम मोदी ने जताया शोक, राहत राशि की घोषणा
  5. पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को मुर्शिदाबाद हिंसा पर लेना चाहिए संज्ञान : आचार्य प्रमोद कृष्णम
  6. केसी त्यागी ने वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट को बताया सर्वोच्च, बंगाल में सुशासन की मांग
  7. बांग्लादेश में हिंदू नेता की हत्या की खड़गे ने की निंदा, केंद्र सरकार पर साधा निशाना
  8. पीएम मोदी से बात करना सम्मानजनक, इस साल भारत आने का बेसब्री से इंतजार : एलन मस्क
  9. संविधान ही सर्वोपरि, मनमानी का दौर अब नहीं चलेगा : अखिलेश यादव
  10. ‘हम इस तरह नहीं जी सकते’, दंगा प्रभावित मुर्शिदाबाद में एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष के सामने रो पड़ीं महिलाएं
  11. तेजस्वी ने भ्रष्टाचार को लेकर सरकार को घेरा, कहा- हर टेंडर में मंत्री का 30 फीसदी कमीशन तय
  12. आईपीएल : पंजाब ने आरसीबी को हराया, टिम डेविड का अर्धशतक बेकार
  13. झारखंड : भाजपा नेता सीपी सिंह ने कहा, ‘मंत्री हफीजुल संविधान को नहीं मानते’
  14. उत्तराखंड में होगी ‘वक्फ संपत्तियों’ की जांच, सीएम धामी बोले – ‘समाज के हित में होगा जमीन का इस्तेमाल’
  15. संविधान पर झारंखड के मंत्री हफीजुल अंसारी के बयान से कांग्रेस ने किया किनारा

जैसे-जैसे वैश्विक शांति भंग हो रही है, युद्ध तेज हो रहे हैं : उपराष्ट्रपति

bntonline.in Feedback
अपडेटेड 21 नवंबर 2024, 11:44 PM IST
जैसे-जैसे वैश्विक शांति भंग हो रही है, युद्ध तेज हो रहे हैं : उपराष्ट्रपति
Read Time:3 Minute, 54 Second

बीएनटी न्यूज़

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सद्भाव, सहिष्णुता और सह-अस्तित्व से जुड़े प्राचीन भारतीय ज्ञान का विचार सबके समक्ष रखा है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, “जैसे-जैसे वैश्विक शांति भंग हो रही है, युद्ध तेज हो रहे हैं और शत्रुताएं कठोर होकर सिद्धांत में बदल रही हैं।” वह गुरुवार को नेशनल डिफेंस कॉलेज में ‘भारत के मूल मूल्यों, हितों और उद्देश्यों’ विषय पर बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि भारत का लक्ष्य शांति निर्माण, शांति की स्थापना और जलवायु के क्षेत्र में की जाने वाली पहल के जरिए रचनात्मक वैश्विक ताकत बनना है। जलवायु संकट मंडरा रहा है। मुक्ति, भारत के सद्भाव, सहिष्णुता और सह-अस्तित्व के सहस्राब्दी पुराने सिद्धांत व प्राचीन ज्ञान को अपनाने में निहित हो सकती है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में, भारत स्वतंत्रता और समानता सुनिश्चित करने वाले, संविधान के तहत कई आधिकारिक भाषाओं, धर्मों और विविध जातीयता कैनवास के साथ अपनी विविधता का जश्न मना रहा है। शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व सदियों से हमारे दर्शन में प्रतिबिंबित होता रहा है। भारत की विदेश नीति संप्रभुता के सम्मान, राष्ट्रों की अखंडता और संघर्ष पर बातचीत की प्रधानता पर जोर देती है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि अनेकता में एकता का उदाहरण हमेशा विचार और कार्य दोनों में रहा है। भारत त्योहारों, व्यंजनों, भाषाओं, संस्कृतियों में अंतर को अपनी ताकत के रूप में अपनाता है, यह समावेशी है और किसी भी विभाजन से दूर है। पर्यावरण का पोषण करते हुए समावेशी विकास, शांति और सार्वभौमिक कल्याण भारतीय दर्शन के केंद्र में है। वर्तमान समय में प्राचीन ज्ञान और आधुनिकता का मिश्रण का लक्ष्य लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करना है।

उन्होंने भारत को दुनिया की आध्यात्मिक राजधानी और उदात्तता और दिव्यता का उद्गम स्थल बताया। धनखड़ ने कहा कि भारत एक ऐसा राष्ट्र है जो न केवल अपने लिए, बल्कि पूरी मानवता के लिए कल्याण चाहता है। बतौर जी20 अध्यक्ष के रूप में भारत ने अपने मूल मूल्यों से प्रेरित होकर, जीडीपी-केंद्रित की बजाए मानव-केंद्रित वैश्विक प्रगति का समर्थन किया। विभाजन की बजाए एकता पर जोर दिया। अफ्रीकी संघ को स्थायी जी20 सदस्य के रूप में एकीकृत करना एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी। जी20 की अध्यक्षता के दौरान भारत द्वारा आयोजित वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट ने ग्लोबल साउथ को अंतरराष्ट्रीय रडार पर ला दिया। भारत का लक्ष्य शांति स्थापना और जलवायु कार्रवाई पहल के माध्यम से एक रचनात्मक वैश्विक ताकत बनना है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *