
बीएनटी न्यूज़
हजारीबाग। झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (जेएसएससी) की कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल (सीजीएल) परीक्षा का रिजल्ट रद्द करने की मांग को लेकर हजारीबाग में आंदोलित छात्रों और पुलिस के बीच मंगलवार शाम जमकर संघर्ष हुआ। पांच घंटे से एनएच 33 जाम कर रहे छात्रों को हटाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया तो जवाब में छात्रों ने भी पथराव किया। टकराव में कई छात्र घायल हुए हैं। कुछ पुलिसकर्मियों को भी चोट आई है।
पथराव से जाम में फंसी कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हुई हैं। सीजीएल परीक्षा के रिजल्ट में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए छात्रों ने मंगलवार को हजारीबाग शहर बंद करने का ऐलान किया था। इसकी सूचना प्रशासन को भी दी गई थी। मंगलवार दोपहर शहर के कोर्रा-मटवारी इलाके में बड़ी संख्या में छात्र इकट्ठा हुए। उन्होंने इलाके की दुकानों को जबरन बंद करा दिया। इसके बाद प्रदर्शनकारी शहर के एंट्री प्वाइंट भारत माता चौक के पास पहुंचे और दोपहर एक बजे एनएच-33 को जाम कर दिया।
आंदोलित छात्रों की अगुवाई हजारीबाग से विधानसभा चुनाव लड़ने वाले निर्दलीय उदय मेहता और बरकट्ठा के महेंद्र यादव कर रहे थे। प्रदर्शनकारी जेएसएससी और झारखंड सरकार के खिलाफ लगातार नारेबाजी कर रहे थे। जाम की वजह से एनएच में दोनों तरफ करीब 20 किलोमीटर तक वाहनों की लंबी कतार लग गई। कई बारात गाड़ियां और स्कूल बसें भी जाम में फंसी रही।
शाम करीब चार बजे हजारीबाग सदर एसडीओ अशोक कुमार छात्रों से वार्ता करने पहुंचे। उन्होंने छात्रों की बात राज्य सरकार और कर्मचारी चयन आयोग तक पहुंचाने का आश्वासन दिया, लेकिन छात्र इस बात पर अड़े रहे कि जब तक परीक्षा का रिजल्ट रद्द नहीं होता है, वे सड़क पर जमे रहेंगे।
हजारीबाग के भाजपा विधायक प्रदीप प्रसाद भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने छात्रों की मांगों पर समर्थन जताते हुए उनसे जाम खत्म करने की अपील की, लेकिन छात्र टस से मस नहीं हुए। आखिरकार पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज किया। इस पर छात्रों ने भी पुलिस और जाम में फंसी गाड़ियों पर पथराव शुरू कर दिया। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का भी इस्तेमाल किया।
झारखंड सरकार के विभिन्न विभागों में लगभग दो हजार पदों पर नियुक्ति के लिए जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा 21-22 सितंबर को राज्य में 823 केंद्रों पर आयोजित हुई थी। परीक्षा में 3,04,769 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। परीक्षा संपन्न होने के दूसरे दिन से ही अभ्यर्थियों ने पेपर लीक और प्रश्न पत्रों में पिछले वर्षों की रद्द परीक्षाओं के प्रश्न बड़ी संख्या में दोहराए जाने के आरोपों को लेकर हंगामा किया था।
रांची और हजारीबाग सहित राज्य के कई शहरों में इसे लेकर छात्रों ने प्रदर्शन किए। आयोग ने छात्रों के आरोपों की जांच के लिए एक कमेटी गठित की थी, जिसने जांच के बाद दावा किया था कि परीक्षा में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। इस बीच 4 दिसंबर को झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया। इसके तहत कुल 2,025 पदों के विरुद्ध 2,231 अभ्यर्थियों को प्रमाणपत्रों की जांच के लिए बुलाया गया है। आयोग ने चयनित अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की जांच 16 से 20 दिसंबर तक करने की घोषणा की है।