
बीएनटी न्यूज़
मंगलौर)| भारत के साथ हुई संघर्ष में पाकिस्तान को बड़ा नुकसान हुआ है। पहले पाकिस्तान लगातार नुकसान से इनकार कर रहा था लेकिन अब उसके प्रधानमंत्री ने खुद नुकसान को स्वीकार कर लिया है। नौ सेना के पूर्व अधिकारी और सुरक्षा विशेषज्ञ जीजे सिंह ने बताया कि शहबाज ‘मजबूरी’ में झूठ बोल रहे हैं।
नौ सेना के पूर्व अधिकारी और सुरक्षा विशेषज्ञ जीजे सिंह ने कहा है कि, “पाकिस्तान ने भारत की तरफ से किए गए नुकसान को स्वीकार कर लिया है। उनके प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत के हमले में हुए नुकसान को संसद या वे जहां भी बोल रहे थे स्वीकार कर लिया है।”
जीजे सिंह ने कहा, “भारत की तरफ से हुए हमले में पाकिस्तान को बड़ा नुकसान पहुंचा है। उनके पीएम संसद में या जहां भी बोल रहे हैं, स्वीकार कर रहे हैं कि उनके सेनाध्यक्ष ने फोन कर बताया कि भारत ने नूर खान एयरबेस पर अटैक कर दिया है, वहां मिसाइलें दागी हैं। यह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट है और इस्लामाबाद से मात्र 11 किलोमीटर दूर है। उनका पीएम इस बात से इनकार नहीं कर सकता क्योंकि इस्लामाबाद में जो विभिन्न देशों के राजदूत हैं उन्होंने भारत की तरफ की गई बमबारी की आवाज सुनी होगी इसलिए नुकसान छुपाया नहीं जा सकता।”
जीजे सिंह ने आगे कहा, “शहबाज ने कुछ और जगहों पर भी अटैक की बात कबूली है। हमारे डीजीएमओ ने पाकिस्तान के एयरबेस अटैक से पहले कैसे थे और बाद में कैसे हैं इसको ग्राफिक्स के जरिए दुनिया के सामने रखा था। टॉम कूपर और जांस स्पेंसर जैसे विश्लेषकों ने भारत के हमले की पुष्टि और सराहना की है।”
सुरक्षा विशेषज्ञ ने पाकिस्तान की एक और झूठ से पर्दा हटाया। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान कह रहा है कि, भारत की डीजीएमओ की तरफ से उन्हें सीजफायर के लिए कॉल गई, जो सरासर झूठ है। भारत के अटैक में हुए बड़े नुकसान के बाद पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत के डीजीएमओ को फोन किया था। पहली कॉल नौ या नौ बजकर तीस मिनट के आसपास आई थी। हमारे डीजीएमओ कॉल के उपलब्ध नहीं थे वे ऑपरेशन में बिजी थे।”
जब भारतीय सेना ने अपना लक्ष्य हासिल कर लिया था तब साढ़े तीन बजे के करीब डीजीएमओ ने पाकिस्तान के डीजीएमओ को कॉल लगाई। रिटर्न कॉल पर पाकिस्तान का डीजीएमओ सीजफायर की गुहार लगाने लगा। हम अपना लक्ष्य हासिल कर चुके थे इसलिए हमारी बात हुई और फिर दोनों तरफ से गोलीबारी बंद हुई।
शहबाज शरीफ को अपनी राजनीति चमकानी है। वो अपने लोगों की खुश करने के लिए और कुर्सी बचाने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं। सच्चाई उन्हें पता है। इस्लामाबाद राजधानी है। वहं सेना के अधिकारियों, सरकार के अन्य बड़े अधिकारी और राजनयिक रहते हैं। शहबाज उनसे नुकसान की सच्चाई नहीं छुपा सकते। इसी वजह से उन्हें बयान देना पड़ा।