
बीएनटी न्यूज़
पूर्णिया। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू यादव के अपने पुत्र और बिहार के पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव को पार्टी से निष्कासित किए जाने के बाद प्रदेश की सियासत गरमा गई है। इस बीच, तेजप्रताप को पूर्णिया के निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव का साथ मिला है।
सांसद पप्पू यादव ने कहा कि तेज प्रताप ने सच को स्वीकार किया है। उन्होंने परिवार को नहीं बरगलाया। उन्होंने यहां तक कहा कि अभिभावकों को भी सच्चाई स्वीकार करनी चाहिए।
पप्पू यादव ने पूर्णिया में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि लालू यादव को यह बात समझनी होगी कि उनके पुत्र ने ईमानदारी से अपने प्रेम को दुनिया के सामने स्वीकार किया है।
उन्होंने कहा, “तेज प्रताप ने सच्चाई को नहीं छिपाया। उन्होंने प्रेम को नहीं छिपाया। सवाल यह नहीं है कि तलाक हुआ या नहीं हुआ। वह उनके व्यक्तिगत पहलू थे। लालू यादव के कारण तेज प्रताप की शादी एक अच्छे परिवार में हुई और अच्छी बच्ची के साथ हुई। यह एक अलग बात है। लेकिन, अब तेज प्रताप ने सच्चाई को स्वीकार किया, तब ऐसी सच्चाई को अभिभावकों को भी स्वीकार करनी चाहिए।”
निर्दलीय सांसद ने कहा कि लोगों की आलोचना के कारण और राजनीति के कारण यदि सच को भी अभिभावक स्वीकार नहीं करेंगे तो सवाल है कि इन्हें तो निकाल दिया, लेकिन इतना जरूर है कि तेज प्रताप ने सच्चाई को और एक बच्ची को स्वीकारा है।
उन्होंने लालू यादव के फैसले पर कहा, “लालू यादव की राजनीतिक महत्वाकांक्षा हो सकती है। लेकिन, हकीकत है कि ऐसे नेता करीब सभी पार्टियों में हैं, जिन पर कई तरह के आरोप हैं। कहां कोई पार्टी निकाल दे रही है। राजद के ही कुछ नेता पर दुष्कर्म के आरोप हैं। तेज प्रताप ने प्रेम को शादी में बदल दिया है। सभी चीजों में राजनीति नहीं होती है, ऐसी सच्चाई को मैं धन्यवाद देता हूं।”
इससे पहले राजद प्रमुख लालू यादव ने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अवहेलना करना हमारे सामाजिक न्याय के लिए सामूहिक संघर्ष को कमजोर करता है। ज्येष्ठ पुत्र की गतिविधि, लोक आचरण तथा गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों के अनुरूप नहीं है। अतः उपरोक्त परिस्थितियों के चलते उसे पार्टी और परिवार से दूर करता हूं। अब से पार्टी और परिवार में उसकी किसी भी प्रकार की कोई भूमिका नहीं रहेगी। उसे पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित किया जाता है।”
लालू यादव ने लिखा, “अपने निजी जीवन का भला-बुरा और गुण-दोष देखने में वह स्वयं सक्षम है। उससे जो भी लोग संबंध रखेंगे, वे स्वविवेक से निर्णय लें। लोक जीवन में लोकलाज का सदैव हिमायती रहा हूं। परिवार के आज्ञाकारी सदस्यों ने सार्वजनिक जीवन में इसी विचार को अंगीकार कर अनुसरण किया है। धन्यवाद।”