
बीएनटी न्यूज़
पुणे। नागालैंड में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के सभी सात विधायक शनिवार को सत्तारूढ़ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) में शामिल हो गए। इस कदम से मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो के नेतृत्व वाली एनडीपीपी को 60 सदस्यीय नागालैंड विधानसभा में पूर्ण बहुमत हासिल हो गया है। एनडीपीपी के विधायकों की संख्या 25 से बढ़कर 32 हो गई है, जिससे पार्टी की स्थिति और मजबूत हो गई है।
इस घटना ने नागालैंड की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। एनसीपी के विधायकों के इस कदम को राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन की ताकत बढ़ाने वाला माना जा रहा है। साल 2023 के विधानसभा चुनाव में एनडीपीपी ने 25 सीटें जीती थीं, जबकि उसकी सहयोगी भाजपा ने 12 सीटें हासिल की थीं। वहीं, एनसीपी सात सीटों के साथ तीसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज की थी।
एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजित पवार ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नागालैंड के विधायकों ने कुछ समय पहले उनसे मुलाकात की थी। पवार ने बताया, “वे देवगिरि बंगले पर मुझसे मिलने आए थे और अपनी समस्याएं साझा की थीं। उनकी शिकायत थी कि उनका कोई काम नहीं हो रहा है।”
उन्होंने कहा कि एनसीपी में राज्यों की जिम्मेदारी अलग-अलग नेताओं को दी गई है। विधायकों की शिकायतों को देखते हुए उन्होंने असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा से भी बात की थी, क्योंकि नागालैंड के कई क्षेत्र असम से सटे हुए हैं। असम के मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि वे नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो से इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।
वहीं, इस पूरे घटनाक्रम के बाद एनसीपी के नेताओं का एक दल कोहिमा रवाना हो गया और पार्टी के नागालैंड यूनिट के नेताओं से बात कर रिपोर्ट तैयार करके अजित पवार को सौंपेगा।
उल्लेखनीय है कि शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी में टूट के बाद नागालैंड की इकाई ने अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट का समर्थन किया था। साल 2023 के विधानसभा चुनाव में एनसीपी ने सात सीटें जीतकर राज्य में अपनी मजबूत उपस्थिति दिखाई थी, लेकिन अब इन विधायकों के एनडीपीपी में शामिल होने से पार्टी की स्थिति कमजोर हो गई है।