
बीएनटी न्यूज़
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ के 120वें एपिसोड को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने चैत्र नवरात्र, उगादि, विषु पर्व और गुड़ी पड़वा की बधाई दी।
पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ को संबोधित करते हुए कहा, “आज बहुत पावन दिन पर मुझे आपसे ‘मन की बात’ करने का अवसर मिला है। आज चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। आज से चैत्र नवरात्र की शुरुआत हो रही है और आज से ही भारतीय नववर्ष का भी आरंभ हो रहा है। इस बार विक्रम संवत 2082 (दो हजार बयासी) शुरू हो रहा है। इस समय मेरे सामने आपकी ढेर सारी चिट्ठियां रखी हुई हैं। कोई बिहार से है, कोई बंगाल से, कोई तमिलनाडु से है, कोई गुजरात से है। इनमें बड़े रोचक तरीके से लोगों ने अपने मन की बातें लिखकर भेजी हैं। कई सारी चिट्ठियों में शुभकामनाएं भी हैं, बधाई संदेश भी हैं, लेकिन आज मेरा मन करता है, कुछ संदेशों को आपको सुनाऊं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कन्नड़ और तेलुगु भाषा में उगादि उत्सव की शुभकामनाएं दीं। इसके अलावा, उन्होंने कोंकणी भाषा में संसार पाड़वा की शुभकामनाएं दीं। साथ ही, मराठी भाषा में गुड़ीपड़वा, मलयालम भाषा में विषु पर्व, और तमिल भाषा में नववर्ष (पुथांडु) की शुभकामनाएं दीं।
पीएम मोदी ने आगे कहा, “साथियों, आप ये तो समझ गए होंगे कि अलग-अलग भाषाओं में भेजे गए संदेश हैं, लेकिन क्या आप इसकी वजह जानते हैं? यही तो वो खास बात है, जो आज मुझे आपसे साझा करनी है। हमारे देश के अलग-अलग राज्यों में आज और अगले कुछ दिनों में नववर्ष शुरू हो रहे हैं और ये सभी संदेश नववर्ष और विभिन्न पर्वों की बधाइयों के हैं, इसलिए मुझे अलग-अलग भाषाओं में लोगों ने शुभकामनाएं भेजी हैं।”
पीएम मोदी ने उगादि का जिक्र करते हुए कहा, “आज कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में उगादि का पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जा रहा है। आज ही महाराष्ट्र में गुड़ीपड़वा मनाया जा रहा है। विविधता भरे हमारे देश में, अलग-अलग राज्यों में अगले कुछ दिनों में असम में ‘रोंगाली बिहू’, बंगाल में ‘पोइला बोइशाख’, और कश्मीर में ‘नवरेह’ का उत्सव मनाया जाएगा। इसी तरह, 13 से 15 अप्रैल के बीच देश के अलग-अलग हिस्सों में त्योहारों की जबरदस्त धूम दिखेगी। इसे लेकर भी उत्साह का माहौल है और ईद का त्योहार तो आ ही रहा है। यानी ये पूरा महीना त्योहारों और पर्वों का है। मैं देश के लोगों को इन त्योहारों की बहुत-बहुत बधाई देता हूं। हमारे ये त्योहार भले ही अलग-अलग क्षेत्रों में हों, लेकिन ये दिखाते हैं कि भारत की विविधता में भी कैसे एकता पिरोई हुई है। इस एकता की भावना को हमें निरंतर मजबूत करते चलना है।”