
बीएनटी न्यूज़
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने आवास पर शीर्ष रक्षा अधिकारियों के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद रहे।
यह बैठक पाकिस्तान के साथ सीमा पर तनावपूर्ण शांति के बीच हुई, जहां फिलहाल संघर्ष विराम के उल्लंघन की कोई नई घटना सामने नहीं आई है।
दरअसल, शनिवार को पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का उल्लंघन किया, लेकिन रात में शांति रही। इससे पहले, पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का पालन करने को लेकर प्रतिबद्धता जताई थी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को संघर्ष विराम की घोषणा की थी और नई दिल्ली ने कहा कि भारत और पाकिस्तान ने गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बना ली है।
इस बीच, विदेश मंत्री जयशंकर ने स्पष्ट तौर पर कहा कि भारत आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ दृढ़ और अडिग रुख बनाए रखा है और ऐसा करना जारी रखेगा।
हालांकि, पाकिस्तान ने भारत के कड़े जवाब के बाद अमेरिका से शांति की मध्यस्थता की मांग की थी। इसके बाद उसने भी संघर्ष विराम की घोषणा की, लेकिन बाद में फिर से उल्लंघन किया। भारत ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की, जिसके बाद पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइल भेजना बंद कर दिया।
भारत ने स्पष्ट रूप से कहा कि श्रीनगर, गुजरात के कुछ हिस्सों और राजस्थान के बाड़मेर सहित जम्मू और कश्मीर के विभिन्न स्थानों पर पाकिस्तानी ड्रोन देखे गए, जिसके बाद उन्हें रोका गया। इतना ही नहीं, कई सीमावर्ती क्षेत्रों में फिर से ब्लैकआउट करना पड़ा।
भारत ने कहा कि पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है और भारतीय सशस्त्र बल इसका उचित और कड़ा जवाब दे रहे हैं।
शनिवार देर रात प्रेस ब्रीफिंग में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि भारत ने इन उल्लंघनों को बेहद गंभीरता से लिया है।
उन्होंने कहा, “हम पाकिस्तान से आग्रह करते हैं कि वह इन उल्लंघनों को रोकने और स्थिति को गंभीरता तथा जिम्मेदारी से संभालने के लिए उचित कदम उठाए। सशस्त्र बल स्थिति पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं और उन्हें अंतरराष्ट्रीय सीमा व नियंत्रण रेखा पर किसी भी उल्लंघन का कड़ाई से जवाब देने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।”
हालांकि, बाद में पाकिस्तान ने कहा कि वह संघर्ष विराम समझौते को ईमानदारी से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा, “पाकिस्तान का मानना है कि यह क्षेत्रीय समस्याओं के समाधान और शांति, समृद्धि व स्थिरता की दिशा में एक नई शुरुआत है।”