
बीएनटी न्यूज़
नई दिल्ली। कथित फर्जी मतदाताओं के बारे में राजनीतिक दलों की आम शिकायतों को मतदान केंद्र स्तर पर दूर करने के उद्देश्य से 4,123 निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) सर्वदलीय बैठकें कर रहे हैं। भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने एक बयान में कहा कि बैठकें राष्ट्रीय/राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों की भागीदारी के साथ शुरू हुई हैं और पूरी कवायद 31 मार्च तक प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र, जिले और राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में पूरी करने का लक्ष्य है।
इस जमीनी स्तर की भागीदारी का राजनीतिक दलों ने स्वागत किया है, जिन्होंने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में बैठकों में सक्रिय और उत्साही भागीदारी की है।
ईसीआई ने कहा कि सभी 28 राज्यों और आठ केंद्र शासित प्रदेशों के सभी 788 जिला चुनाव अधिकारियों (डीईओ) और 36 सीईओ को भी निर्देश दिया गया है कि वे जिला और राज्य/केंद्र शासित प्रदेश स्तर पर किसी भी लंबित मुद्दे को हल करने के लिए जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951, मतदाता पंजीकरण नियम 1960, चुनाव संचालन नियम 1961 और ईसीआई द्वारा समय-समय पर जारी किए गए मैनुअल, दिशा-निर्देशों और निर्देशों के कानूनी ढांचे के भीतर ऐसी बैठकें आयोजित करें।
राजनीतिक दलों के साथ चल रही बातचीत मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के निर्देशों के अनुरूप है, जिन्होंने चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी के साथ मिलकर 4 मार्च को दिल्ली में सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सीईओ और प्रत्येक राज्य से एक डीईओ और ईआरओ के सम्मेलन के दौरान इस योजना का अनावरण किया था।
बयान में कहा गया है कि राजनीतिक दलों और उनके अधिकृत प्रतिनिधियों जैसे बूथ लेवल एजेंट (बीएलए), पोलिंग एजेंट, काउंटिंग एजेंट और चुनाव एजेंटों की चुनाव संचालन सहित विभिन्न चुनावी प्रक्रियाओं में विशिष्ट भूमिकाएं होती हैं।
इससे पहले, सभी राष्ट्रीय/राज्यीय राजनीतिक दलों से चुनाव आयोग ने अपील की थी कि वे किसी भी लंबित मुद्दे को समयबद्ध तरीके से हल करने के लिए चुनाव अधिकारियों के साथ इस जमीनी स्तर की बातचीत का लाभ उठाएं।
यह अभ्यास पश्चिम बंगाल में फर्जी मतदाताओं के मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस के सांसदों के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल द्वारा चुनाव आयोग से मुलाकात करने और विभिन्न राज्यों में कथित रूप से इस्तेमाल किए जा रहे डुप्लिकेट मतदाता पहचान पत्र नंबरों पर सवाल उठाने के तुरंत बाद हुआ है।
तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा और राज्यसभा सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग को एक ज्ञापन सौंपकर देश में प्रचलित डुप्लिकेट नंबर वाले मतदाता पहचान पत्रों की सही संख्या और उनका राज्यवार ब्यौरा मांगा था।
पश्चिम बंगाल में अगले साल अप्रैल-मई में चुनाव होने की संभावना है जिसमें 7.5 करोड़ से अधिक मतदाता 294 नए विधायकों को चुनेंगे। साल 2021 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने 215 सीटें जीती थीं जबकि राज्य में बहुमत के लिए 148 सीटों की आवश्यकता है।