
बीएनटी न्यूज़
सोलन (हिमाचल प्रदेश)। हिमाचल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल ने गुरुवार को ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि देश में बार-बार चुनाव होने से न केवल प्रशासनिक तंत्र प्रभावित होता है, बल्कि देश के करोड़ों रुपये भी बर्बाद होते हैं। चुनावी प्रक्रिया में व्यस्त प्रशासनिक अधिकारी और संसाधन विकास कार्यों पर ध्यान नहीं दे पाते, जिससे देश के समग्र विकास पर नकारात्मक असर पड़ता है।
डॉ. बिंदल ने उदाहरण देते हुए बताया कि जब संविधान लागू हुआ था, तब 1952, 1957 और 1962 में देश में एक साथ चुनाव हुए थे। बाद में कांग्रेस ने अपने स्वार्थ के चलते सरकार गिराई और राष्ट्रपति शासन लागू कर चुनावी प्रक्रिया को अस्त-व्यस्त किया। उन्होंने 1975 के आपातकाल को याद करते हुए कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र को कुचलते हुए संविधान में बिना सोचे-समझे बदलाव किए थे।
राम मंदिर आंदोलन के दौरान उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और गुजरात की सरकारें गिराए जाने की घटनाओं की निंदा करते हुए उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि अमेरिका जैसे विकसित देश एक साथ चुनाव कर सकते हैं, तो भारत क्यों नहीं? बिंदल ने कहा कि चुनावों पर हर साल करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये खर्च होते हैं, जिससे देश की अर्थव्यवस्था पर भारी दबाव पड़ता है। अगर लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हों, तो नीतिगत फैसले जल्दी लिए जा सकेंगे और इससे लोकतंत्र मजबूत होगा।
बिंदल ने राज्य में बढ़ते अपराधों पर कड़ी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि एक ओर जहां बिहार और उत्तर प्रदेश में शांति का माहौल बना हुआ है, वहीं हिमाचल प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ चुकी है। हत्या, बलात्कार और फायरिंग जैसी घटनाएं अब आम हो चुकी हैं, जिससे यह साबित होता है कि राज्य में माफिया राज स्थापित हो चुका है।
बिलासपुर और चंबा की हालिया घटनाओं का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में अब कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है। प्रदेश में अपराधों की बढ़ती संख्या को लेकर कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियां और प्रशासन पूरी तरह से विफल हो चुके हैं।
उन्होंने चीफ इंजीनियर विमल नेगी की संदिग्ध मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया और कहा कि इस घटना की उच्च स्तरीय और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि विमल नेगी की दर्दनाक मौत किन मानसिक दबावों और परेशानियों के कारण हुई? बिंदल ने कहा कि यह घटना प्रदेश की जनता के लिए एक बड़े आघात के रूप में सामने आई है। अब लोगों का सरकार से विश्वास उठ चुका है। उन्होंने कहा कि जब तक इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं होगी और प्रदेश में अपराधों पर काबू नहीं पाया जाएगा, तब तक हिमाचल में बढ़ते अपराधों को रोकना मुश्किल होगा। प्रदेश की जनता अब कांग्रेस सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आई है, और सरकार की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।