
बीएनटी न्यूज़
बेंगलुरु। बेंगलुरु में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तीन दिवसीय वार्षिक बैठक शुक्रवार से शुरू हो गई। पहले दिन पदाधिकारियों ने संघ की कार्ययोजना को लेकर चर्चा की। बैठक के बाद सीआर मुकुंदा ने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए संघ के कार्यों की जानकारी दी।
सीआर मुकुंदा ने कहा कि हमने जाकिर हुसैन, वासुदेव नायर, पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह, प्रीतीश नंदी, एसएम कृष्णा, राम जन्मभूमि के ट्रस्टियों में से एक कामेश्वर चौपाल, तुलसी गौड़ा, शंकर तत्ववादी, देबेंद्र प्रधान, बिबेक देबराय को श्रद्धांजलि दी।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष 25 से 40 वर्ष के 1.63 लाख लोग आरएसएस से जुड़े, जबकि 40 साल से ऊपर के 20,000 लोग संगठन से जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि 2012 से अब तक 12,73,453 से ज्यादा लोग हमारे साथ जुड़े और 46,000 महिलाओं ने रुचि दिखाई है। सीआर मुकुंदा ने कहा कि अरुणाचल, मणिपुर और बाहर के लोगों ने भी रुचि दिखाई है।
इस दौरान उन्होंने कहा कि महाकुंभ न केवल हिंदुओं के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए यह विशेष था। यह हमारी सांस्कृतिक विरासत थी। मेले में नेत्र परीक्षण शिविर लगाए गए थे, जिसमें 2,37,964 लोगों ने आंखों की जांच करवाई। हमारे शिविर में आने वाले लोगों के 17,069 मोतियाबिंद ऑपरेशन किए गए।
उन्होंने कहा कि 20 महीनों से मणिपुर बुरे दौर से गुजर रहा है, हम अच्छे की उम्मीद करते हैं। हमने उम्मीद जताई है कि मणिपुर में जल्द ही हालात सामान्य होंगे। उन्होंने कहा कि 20 महीनों से जो घाव है, उसे भरने में लंबा समय लगेगा।
बता दें कि बेंगलुरु में आरएसएस की तीन दिवसीय बैठक शुरू हुई है। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने इसका उद्घाटन किया जो 21 से 23 मार्च तक चलेगी। इस बैठक में 1500 से अधिक कार्यकर्ता शामिल होंगे। इनमें क्षेत्रीय और राज्य स्तर के अधिकतर कार्यकर्ता होंगे। शताब्दी वर्ष की प्रगति की समीक्षा के साथ ही आगामी वर्ष के लिए विविध कार्यक्रमों, आयोजनों और अभियानों की रूपरेखा भी तैयार की जाएगी।
इससे पहले प्रचार प्रमुख सुनील अंबेडकर की ओर से जारी बयान में बैठक को लेकर जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि संघ व्यवस्था में इस बैठक को सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था माना जाता है और इसका आयोजन हर साल होता है।