
बीएनटी न्यूज़
बरेली। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने ईदगाह और मस्जिद के इमामों से खास अपील की है। उन्होंने कहा है कि ईद के मौके पर रोड और चौराहों में नमाज नहीं पढ़ी जानी चाहिए।
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष शहाबुद्दीन रजवी ने ईद की नमाज से पहले ईदगाहों और मस्जिदों के इमामों से खास अपील की। उन्होंने कहा कि ईद के मौके पर बच्चे, बुजुर्ग और नौजवान नमाज पढ़ने के लिए आते हैं। इस कारण जगह कम पड़ जाती है, तो लोग रोड पर नमाज पढ़ने लगते हैं। रोड पर नमाज न पढ़ी जाए। इसका एक तरीका यह है कि नमाजियों की भीड़ बढ़ने पर पारियों को बदलें। जरूरी नहीं है कि एक ही पाली में नमाज कराई जाए। एक पाली, दो पाली, तीन पाली में भी नमाज कराई जा सकती है।
उन्होंने कहा कि शरीयत में इसकी इजाजत दी गई है। इमाम को बदलकर यह व्यवस्था हो सकती है। मौलाना ने कहा कि इसके कई फायदे हैं। रोड पर जाने वाली एम्बुलेंस को कोई परेशानी नहीं होगी। सड़क पर आने-जाने वालों को दिक्कत नहीं होगी। ट्रैफिक जाम नहीं होगा। दिनचर्या आराम से चलती रहेगी। किसी को कोई दिक्कत और परेशानी नहीं होगी। इधर अच्छे से नमाज भी होती रहेगी। इस्लाम रवादारी का मजहब है। यह इंसानियत को अपनाने की बात करता है। अच्छा मुस्लिम वही है, जिसके हाथ-पैर से किसी को नुकसान न पहुंचे।
उन्होंने कहा कि इस कारण मैं एक बार फिर अपील करता हूं, चौराहों, पार्कों और रोड में नमाज न पढ़ाई जाए। खुले में नमाज न हो। मौलाना ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर भी पलटवार किया। ईद की नमाज में काली पट्टी बांधकर नमाज पढ़ने के ऐलान का विरोध किया। उन्होंने कहा कि ईद खुशी का त्योहार है। काली पट्टी बांधने का मतलब है कि हम गम मना रहे हैं। ईद को खुशी के तौर पर मनाया जाना चाहिए। गम के तौर पर मनाना ठीक नहीं है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के इस फैसले को खारिज कर दें। काली पट्टी बांधने के दिन और हो सकते हैं। ईद के दिन नमाज पढ़ें और देश में अमन-चैन की दुआ मांगे।