
बीएनटी न्यूज़
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के संभल सीओ अनुज कुमार चौधरी अपने एक बयान को लेकर विवादों में घिर गए हैं। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय को लगता है कि होली के दिन उन पर रंग लगाया जा सकता है, तो घर से न निकलें। दरअसल, होली और जुमा एक ही दिन 14 मार्च को पड़ रहा है। अनुज चौधरी ने कहा कि जुमा साल में 52 बार आता है और होली एक बार। उनके बयान पर सियासत तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी ने इसका विरोध जताया, तो अब इस कड़ी में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी सामने आए हैं।
बीएनटी न्यूज़ से बातचीत के दौरान पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि संभल सीओ भारत को नहीं समझते हैं। वह एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी हैं, लेकिन उन्हें भारत को समझने की जरूरत है। हमें सभी धर्मों की मान्यताओं और उनकी परंपराओं का सम्मान करना सीखना चाहिए। होली में रमजान आएगी। दीपावली पर कुछ और आएगा। भारत विविधता पूर्ण है। मैं समझता हूं कि उन्हें बयान देने से पहले भारत को समझना चाहिए।
भाजपा सांसद दिनेश शर्मा और कृष्णपाल गुर्जर द्वारा अपने सरकारी आवास के नेमप्लेट पर तुगलक लेन की जगह “स्वामी विवेकानंद मार्ग” लिखवाने पर हरीश रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को देश की जनता ने अगले पांच साल सरकार चलाने के लिए बहुमत दिया। सरकार को चाहिए कि देश से गरीबी दूर करे, बेरोजगारी दूर करे, युवाओं को नौकरी मिले। लेकिन, सरकार इस तरफ कुछ नहीं कर रही है। बस नाम बदलने की कवायद की जा रही है, जिसमें मुगल शासकों के नाम शामिल हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को लेकर कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के बयान पर हरीश रावत ने कहा कि राजीव गांधी को समझने के लिए मणिशंकर अय्यर की दृष्टि की जरूरत नहीं है। उन्होंने देश को आधुनिक दृष्टि दी। वह तकनीक के जन्मदाता थे। 18 साल के युवकों को मतदान करने का अधिकार दिया। भारतीय राजनीति में गतिशीलता आई। शिक्षा के क्षेत्र में सुधार किया। रक्षा के क्षेत्र में काफी सुधार किया। राजीव गांधी ने भारत को अलग दृष्टि दी।
कर्नाटक सरकार के बजट को भाजपा ने अल्पसंख्यकों का बजट बताया। इस पर उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि बजट में अल्पसंख्यकों के लिए भी कुछ है, इसलिए उसे अल्पसंख्यकों का बता रहे हैं। यह एक वर्ग-जाति के लिए भाजपा की घृणा को दर्शाता है।